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तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने चलायी लाठियां
रोष. शव के साथ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, लौटने के दौरान जज, डीसी व एसडीओ आवास में की तोड़फोड़ रांची/खूंटी : खूंटी शहर में शव के साथ प्रदर्शन करने आये ग्रामीण लौटने के दौरान उत्तेजित हो गये. ग्रामीणों की भीड़ कचहरी मैदान पहुंची. भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने एसडीओ नीरजा कुमारी के आवास पर […]
रोष. शव के साथ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, लौटने के दौरान जज, डीसी व एसडीओ आवास में की तोड़फोड़
रांची/खूंटी : खूंटी शहर में शव के साथ प्रदर्शन करने आये ग्रामीण लौटने के दौरान उत्तेजित हो गये. ग्रामीणों की भीड़ कचहरी मैदान पहुंची. भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने एसडीओ नीरजा कुमारी के आवास पर हमला बोल दिया. आवास के भीतर पुलिस मुस्तैद थी. ग्रामीणों ने मुख्य गेट पर लगे बल्ब व अन्य सामान को तोड़ दिया.
कुछ उपद्रवी युवकों ने एसडीओ आवास से सटे एक जज के आवास पर पत्थर चलाया, जिससे छत की बालकोनी में लगे शीशे टूट गये. लोगों ने आवास में बड़े-बड़े पत्थर भी फेंके. जज आवास में पत्थरबाजी करने के बाद उत्तेजित ग्रामीण डीसी आवास के नजदीक पहुंचे. वहां ड्यूटी पर तैनात एक संतरी कुछ नहीं कर सका. भीड़ डीसी आवास परिसर में घुस गयी. आवास परिसर में लगे पेड़ व लैंप स्टैंड को तोड़ डाला. डीसी दफ्तर के नेमप्लेट को उखाड़ कर एसपी कार्यालय के मुख्य द्वार पर फेंक दिया.
अफसरों के आवासों में तोड़-फोड़ की खबर मिलने के बाद पुलिस के अधिकारी करीब 100 जवानों के साथ कचहरी मैदान पहुंचे. जवानों ने तोड़फोड़ कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज किया. सभी को दूर तक खदेड़ दिया. अधिकारियों ने बताया कि तोड़फोड़ करनेवाले दोषियाें की पहचान की जा रही है. मामले की जानकारी मिलने पर रांची से डीआइजी आरके धान भी खूंटी पहुंचे. घटना की जानकारी ली. इधर, घटना के बाद खूंटी में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया.
रांची : खूंटी के जोजोहातू गांव निवासी घनश्याम मुंडा का कहना है कि पुलिस झूठ बोल रही है. रैली में जाने के लिए सोयको मोड़ पर कोई भी माओवादी या पीएलएफआइ समर्थक नहीं आया था. लोग शांत और निहत्थे थे. सरकार ने हम पर गोली चलवायी. बिना चेतावनी दिये. अगर हम नक्सली समर्थक होते, तो क्या पुलिसवालों को जिंदा छोड़ देते. अगर ऐसा होता, तो गोली दोनों तरफ से चलती, न कि एकतरफा. पुलिस ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा था कि भीड़ में माओवादी व टीपीसी के समर्थक भी थे. पुलिस के इस बयान से लोग गुस्से में हैं.
इस घटना के बाद खूंटी में पिछले कुछ महीने से पुलिस द्वारा चलाये जा रहे शांति सभा अभियान को बड़ा झटका लगा है. जो ग्रामीण नक्सली-उग्रवादी के विरोध में खड़े हुए थे, अब पुलिस उन्हें ही उसका समर्थक मान रही है.ग्रामीण सुखरा मुंडा ने बताया कि जब एक गार्ड ने हथियार लहराया, तब ग्रमीणों ने पुलिस वालों को घेर लिया था. घेरने के लिए रस्सा का इस्तेमाल किया था. किसी पुलिस वाले को किसी ग्रामीण ने नहीं पीटा था. उदय मुंडा ने बताया कि अगर पुलिस हमें रोकती नहीं, तो झगड़ा ही नहीं होता.पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर ग्रामीणों को गोली मारी है.
जमा किये 2700 रुपये : पुलिस फायरिंग की घटना में घायल हुए लोगों के इलाज के ग्रामीणों ने आज 2700 रुपये इकट्ठा किया. सोयको मोड़ पर सड़क पर ग्रामीणों में से एक ने पैसा चंदा करने की बात कही और सड़क पर एक गमछा बिछा दिया. इसके बाद ग्रामीण एक-एक कर गमछा पर पैसे रखने लगे.
रांची : खूंटी में पुलिस फायरिंग पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राज्य में पुलिस का चेहरा हत्यारा वाला होता जा रहा है. राज्य सरकार गूंगी-बहरी हो गयी है.
श्री सहाय कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. श्री सहाय ने कहा कि पिछले 55 दिनों में तीन गोलीकांड हुए. तीनों गोलीकांडों की न्यायिक जांच होनी चाहिए.
हेमंत बनना चाहते थे चैंपियन : झारखंड बंद में विपक्ष की मुहिम में झामुमो के शामिल नहीं होने के सवाल पर श्री सहाय बोले, हेमंत सोरेन चाहते थे कि इसकी अगुवाई झामुमो करे. ऐसा कर वह खुद को चैंपियन साबित करना चाहते थे, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो सके.
जान लेकर जमीन लूटना चाहती है सरकार : बाबूलाल
रांची. जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी रविवार को खूंटी पहुंचे. यहां पत्रकारों से बातचीत में श्री मरांडी ने कहा कि इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार लोगों की जान लेकर उनकी जमीन लूटना चाहती है. 22 अक्तूबर को न तो राजभवन, न विधानसभा का घेराव था. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ लोग शांत तरीके से रैली में भाग लेने निकले थे. सरकार ने पहले धारा 144 लगायी, फिर बस मालिकों को धमकाया. जब गांव के लोग सड़क पर आये, तो उन्हें वाहन नहीं मिला. लोग पैदल ही रांची जाने के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि जब लोग अपनी बात ही नहीं कह सकते तो फिर लोकतंत्र किस लिए है?
बर्बर सरकार, जनता जवाब देगी : बंधु
रांची. पूर्व मंत्री और झाविमो नेता बंधु तिर्की रविवार को खूंटी पहुंचे़ श्री तिर्की ने कहा कि पिछले 16 वर्ष में आज तक झारखंड में ऐसी अमानवीय और बर्बर सरकार नहीं बनी़ आदिवासी विरोधी मानसिकता के साथ सरकार काम कर रही है़ आदिवासियों के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ हो रहा है़ सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन का विरोध करनेवाले लोकतांत्रिक भीड़ को भी सरकार उग्रवादी समझ रही है़ पुलिस के लोग एक साजिश के तहत प्रदर्शनकारियों को फंसा रहे है़ं
बोली को गोली से दबाया नहीं जा सकता है : आजसू
रांची. आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने खूंटी की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बोली को गोली से दबाया नहीं जा सकता है़ आजसू पार्टी जन की बात कार्यक्रम के माध्यम से पांच लाख जन संदेश भेज कर जनता की भावना से मुख्यमंत्री को अवगत करा चुकी है़ अभी छात्रों द्वारा चलाये गये जन की बात कार्यक्रम का पांच लाख जन संदेश जमा है़
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