उसके नाम का पता नहीं चल पाया है. सिमडेगा की पुलिस ने भी इस खबर की पुष्टि नहीं की है. लेकिन सूत्रों ने बताया कि अगले एक-दो दिनों के भीतर नक्सली को डीजीपी डीके पांडेय के समक्ष सरेंडर कराया जायेगा. जानकारी के मुताबिक वह नक्सली सिमडेगा व गुमला जिला के सीमान क्षेत्र में सक्रिय रहा है. परिवार के दबाव में उसने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया है.
उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर को सिमडेगा में आयोजित महापंचायत में नक्सलियों के परिवार के लोग भी शामिल हुए थे. महापंचायत में नक्सली गतिविधि शुरू होने के बाद क्या खोया-क्या पाया विषय पर नक्सली हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों और नक्सलियों के परिवार के लोगों ने अपनी बात रखी थी. बताया जाता है कि इस महापंचायत के बाद ही सब जोनल कमांडर के परिवार के लोगों ने उस पर सरेंडर करने के लिए दवाब बनाया और वह पुलिस के संपर्क में आया.