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दूषित पानी पी रहे राजधानी के 70 फीसदी लोग

रांची : ‘यूथ पावर ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि हरमू हाउसिंग कॉलोनी के भू-जल के दूषित होने की खबरें आने के बाद उनकी संस्था ने शहर के 48 मोहल्लों में शिविर लगाकर वहां का भू-जल एकत्र किया. शिविरों के कुल 580 घरों के भू-जल का सैंपल लिया गया. एक माह तक […]

रांची : ‘यूथ पावर ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि हरमू हाउसिंग कॉलोनी के भू-जल के दूषित होने की खबरें आने के बाद उनकी संस्था ने शहर के 48 मोहल्लों में शिविर लगाकर वहां का भू-जल एकत्र किया.

शिविरों के कुल 580 घरों के भू-जल का सैंपल लिया गया. एक माह तक पानी के सभी सैंपलों की अलग-अलग तरीके से जांच की गयी. लैब जांच में 32 मोल्लों के भू-जल का सैंपल फेल हो गया, जबकि केवल 16 मोहल्लों का भू-जल ही पीने योग्य पाया गया. रिपोर्ट बताती है कि राजधानी के अधिकतर कुओं का पानी क्षारीय, जबिक बोरवेल का पानी अम्लीय हो गया है. यही वजह है कि इनसे निकलने वाला पानी पीने लायक नहीं रह गया है. श्री कुमार ने कहा कि राजधानी का भू-जल दूषित हो चुका है, लेकिन सरकार लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर नहीं है. वे बहुत जल्द दूषित भू-जल की यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगे. साथ ही यह रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भी सौंपी जायेगी.
पाइप लाइन से मिलने वाला पानी भी शुद्ध नहीं
शहर के दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में पीएचइडी आैर नगर निगम द्वारा पाइप लाइन से पानी सप्लाई की जाती है. संस्था ने सप्लाई के पानी की भी जांच की है. इस पानी में पीएच की मात्रा कहीं 5.5 तो कहीं 6.2 मिली है. इस पानी में कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया भी मिले हैं. इससे जल आधारित रोग जैसे : हैजा, दस्त, पेचिश सहित कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
जार में बिकने वाला पानी भी है अशुद्ध
श्री कुमार के अनुसार उनकी संस्था ने राजधानी के कई बड़ी पानी कंपनियों के जार के पानी की भी जांच की. इसमें पीएच 5.5 से 6.3 के बीच मिली है. इस पानी में टीडीएस की मात्रा 300-500 पीपीएम के बीच होनी चाहिए, जबकि इन जार के पानी में टीडीएस नाम मात्र का पाया गया है.
इलाके पीएच मात्रा
यहां का भू-जल पीने लायक नहीं
तुपुदाना, सिंह मोड़, हटिया, एचइसी, धुर्वा, अशोक नगर, डीबडीह 5.5 से 6.5
हरमू हाउसिंग कॉलोनी, भवानी नगर, स्वर्णजयंती नगर, विद्यानगर 4.0 से 6.2
कांटाटोली, कोकर चौक, पीस रोड, पुरुलिया रोड, पत्थलकुदवा, थड़पखना 8.0 से 9.5
कडरू, मेन रोड, अपर बाजार, किशोर गंज, कचहरी चौक 6.2 से 8.0
अपर वर्द्धमान कंपाउंड, जेल रोड, लोहरा कोचा, सर्कुलर रोड, लालपुर 5.5 से 6.8
पिस्का मोड़, सरोवर नगर, पंडरा, लक्ष्मी नगर, फ्रेंडस कॉलोनी 6.0 से 7.0
यहां का भू-जल है पीने लायक
बिरसा चौक, हिनू, एजी कॉलोनी, डोरंडा, सिरमटोली, चुटिया 6.5 से 7.5
गढ़ाटोली कोकर, बरियातू, करमटोली, लोअर वर्द्धवान कंपाउंड 6.5 से 7.5
मोरहाबादी, कांके रोड, इंद्रपुरी, रातू रोड, मधुकम, आइटीआइ बजरा 6.8 से 7.2
6.5 से 7.5 पीएच की मात्रा वाला पानी ही शुद्ध, कम या ज्यादा हुआ तो दोनों सूरतों में हो सकती है बीमारी
‘यूथ पावर ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि आम तौर पर भू-जल में पीएच की मात्रा 6.5 से 7.5 के बीच होनी चाहिए. यह पानी पीने के लिए सबसे उपयुक्त है. इससे कम पीएच की मात्रा वाला पानी जहां एसिडिक (अम्लीय) हो जाता है. वहीं इससे अधिक पीएच वाला पानी क्षारीय हो जाता है. एसिडिक पानी के पीने से भी पेट की कई गंभीर बीमारी हो सकती है. वहीं, क्षारीय पानी का अत्यधिक सेवन किये जाने से जेनेटिक बीमारी हो सकती है.

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