ऐसे में क्या पांच लाख रुपये दे देने मात्र से ही निगम की जिम्मेवारी पूरी हो जाती है? बिजली मरम्मत के दौरान कर्मचारियों के मरने या जख्मी होने से संबंधित खबरों पर आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है और बुधवार को इन्हीं से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहा था. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनएन तिवारी, सदस्य आरएन सिंह और सचिव एके मेहता ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम से तीखे सवाल किये. इन सवालों के जवाब निगम की अोर अधिवक्ता नवीन कुमार ने दिये.
Advertisement
क्या एक आदमी की जान की कीमत केवल पांच लाख है?
रांची: विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को झारखंड ऊर्जा विकास निगम के अफसरों से पूछा कि क्या एक आदमी की जान की कीमत केवल पांच लाख रुपये ही है? बिजली की मरम्मत के दौरान मरनेवाले कर्मियों के पीछे उनका पूरा परिवार होता है. ऐसे में क्या पांच लाख रुपये दे देने मात्र से ही निगम […]
रांची: विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को झारखंड ऊर्जा विकास निगम के अफसरों से पूछा कि क्या एक आदमी की जान की कीमत केवल पांच लाख रुपये ही है? बिजली की मरम्मत के दौरान मरनेवाले कर्मियों के पीछे उनका पूरा परिवार होता है.
ऐसे में क्या पांच लाख रुपये दे देने मात्र से ही निगम की जिम्मेवारी पूरी हो जाती है? बिजली मरम्मत के दौरान कर्मचारियों के मरने या जख्मी होने से संबंधित खबरों पर आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है और बुधवार को इन्हीं से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहा था. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनएन तिवारी, सदस्य आरएन सिंह और सचिव एके मेहता ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम से तीखे सवाल किये. इन सवालों के जवाब निगम की अोर अधिवक्ता नवीन कुमार ने दिये.
आयोग ने जानना चाहा कि निगम के पास ऐसी घटनाअों के लिए क्या प्रावधान है? इस पर निगम की अोर से बताया गया कि मृत कर्मियों के परिजनों को पांच लाख रुपये देने का प्रावधान है. इस पर आयोग चिंतित दिखा. आयोग ने निगम के अफसरों से पूछा कि दुर्घटनाअों में घायल होनेवाले कर्मियों के लिए क्या स्कीम है और ऐसे मामलों का निष्पादन कैसे किया जाता है? आयोग ने पूछा कि क्या कर्मियों को इस्तेमाल के लिए किट दी जाती है? इसके साथ ही हुई घटनाअों की संख्या भी जाननी चाही. इस पर निगम की अोर से बताया गया कि कुल 71 मामले सामने आये थे, जिनमें से 28 का निष्पादन हो गया है. आयोग ने यह जानना चाहा है कि जो अभी पड़े हैं, वैसे मामलों का निष्पादन कैसे करेंगे?
निगम को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने को कहा
आयोग ने निगम को निर्देश दिया है कि वह अपना जवाब शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करे. मामले की अगली सुनवाई 26 अक्तूबर को होगी. कर्मचारियों की अोर से अजय राय ने उनका पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान निगम की अोर से ऊर्जा विकास निगम के मुख्य अभियंता केके वर्मा, डीजीएम कार्मिक गोविंद यादव मौजूद थे. मौके पर बड़ी संख्या में अलग-अलग जिलों से पीड़ित लोग परिजनों के साथ मुआवजे के लिए पहुंचे हुए थे. इनमें से कई के हाथ, तो कई के पैर बिजली करंट से जल गये हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement