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रांची के 1500 घरों में ही बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

राजधानी के लोगों को साल दर साल जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, इसे देखते हुए रांची नगर निगम ने हर घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए 31 अगस्त तक की समय सीमा निर्धारित थी, लेकिन 99 फीसदी से ज्यादा घरों के मालिकों ने इस आदेश […]

राजधानी के लोगों को साल दर साल जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, इसे देखते हुए रांची नगर निगम ने हर घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए 31 अगस्त तक की समय सीमा निर्धारित थी, लेकिन 99 फीसदी से ज्यादा घरों के मालिकों ने इस आदेश को ठेंगा दिखा दिया है.
रांची: नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने इस संबंध में सख्त हिदायत भी दी थी कि शहर के सभी ढाई लाख घरों में अगर तय समय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण नहीं कराया जाता है, तो रांची नगर निगम उनसे डेढ़ गुना अधिक टैक्स वसूलेगा. हालांकि, इसका कोई खास असर नहीं हुआ.

वर्ष 2015 के सर्वे के मुताबिक शहर में करीब ढाई लाख घर हैं, जिनमें से केवल 1500 घरों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाया गया है. इस हिसाब से कुल घरों की तुलना में एक प्रतिशत से भी कम घरों में वर्षा जल संचयन की प्रणाली लगायी गयी है. समय सीमा पूरी हो जाने के बाद भी केवल 1200 के आसपास घराें में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण पूरा हो सका है. वहीं, 300 के आसपास अपार्टमेंटों में निर्माण कार्य जारी है. खास बात यह है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम न बनवानेवालों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आम लोगों की इस बेपरवाही और निगम की लापरवाही से अगले साल भी शहर में जल संकट उत्पन्न होना तय है.
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के निर्माण के लिए शहरवासियों को 31 अगस्त तक की समय सीमा दी गयी थी. परंतु जैसा रिस्पांस इसको मिलना चाहिए था. वैसा नहीं मिला है. हम 15 सितंबर के बाद इसकी समीक्षा करेंगे, आखिर क्यों नहीं लोग इसका निर्माण कर रहे हैं.
प्रमोद भट्ट, नोडल पदाधिकारी,
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सेल
13 एजेंसियां चुनी गयी थीं
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्ट के निर्माण में लोगों की सहूलियत के लिए निगम ने 13 एजेंसियों को सूचीबद्ध किया था. लोगों से ये एजेंसी संचालक अधिक राशि न वसूलें, इसके लिए नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने दर भी निर्धारित कर दी थी. हालांकि, इस फरमान का लोगों पर कोई असर नहीं हुआ.
340 जगहों पर भेजे थे टैंकर
रांची नगर निगम के इतिहास में इस वर्ष का जल संकट की सबसे भयावह था. राजधानी के 3400 से अधिक चापाकलों में करीब 2500 चापाकल गरमी में सूख गये थे. निगम ने चार माह तक नियमित रूप से 340 से अधिक स्थलों पर टैंकर से प्रतिदिन दो पालियों में पानी का वितरण कराया था.

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