उन्होंने कहा कि बीते माह लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 80 प्रतिशत ही राजस्व संग्रह किया गया है. इस संबंध में निर्देश दिया कि सितंबर माह में लक्ष्य पूरा करने के लिए तेजी से कार्रवाई करें. श्रीमती वर्मा सोमवार को वाणिज्यकर विभाग की समीक्षा कर रही थीं. मुख्य सचिव ने अफसरों को स्पष्ट किया कि राजस्व संग्रह में कोताही एवं शिथिलता किसी भी स्थिति में बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने निर्देश दिया कि ऑडिट ऑब्जेक्शन के लंबित मामलों को एजी के साथ समन्वय स्थापित कर निष्पादित करें. साथ ही राजस्व वसूली के लिए 10 दिनों तक विशेष अभियान चलायें.
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रिटर्न नहीं देने वाले निबंधित डीलरों पर हो कार्रवाई : सीएस
रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने वाणिज्य कर अफसरों को निर्देश दिया कि रिटर्न नहीं देनेवाले निबंधित डीलरों पर कार्रवाई करें. उन्होंने अफसरों से कहा कि ऐसे डीलरों की सूची तैयार करें, जिन्होंने निबंधन तो कराया है, पर रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं. ज्ञात हो कि राज्य में कुल 1.37 लाख डीलर हैं, लेकिन […]
रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने वाणिज्य कर अफसरों को निर्देश दिया कि रिटर्न नहीं देनेवाले निबंधित डीलरों पर कार्रवाई करें. उन्होंने अफसरों से कहा कि ऐसे डीलरों की सूची तैयार करें, जिन्होंने निबंधन तो कराया है, पर रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि राज्य में कुल 1.37 लाख डीलर हैं, लेकिन मात्र 37 हजार डीलर ही रिटर्न दे रहे हैं. मुख्य सचिव ने अनिबंधित डीलरों का भी रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है.
श्रीमती वर्मा ने कहा कि सबसे पहले 25 लाख से ज्यादा राशि के बकायेदारों को लक्ष्य करें, ताकि उनमें वाणिज्य कर भुगतान के प्रति चेतना हो. उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह में 35 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्रवाई करें. उन्होंने सभी संयुक्त वाणिज्य कर आयुक्त को अंचलवार निरीक्षण करने का निर्देश दिया. साथ ही मासिक प्रतिवेदन भी देने को कहा है. मुख्य सचिव ने अदालत में लंबित व स्टे अॉर्डर वाले मामले को देखने का भी निर्देश दिया. जिन मामलों में स्टे अॉर्डर नहीं है, उसे सूचीबद्ध करें तथा वसूली सुनिश्चित करायें.
सीएस को बताया गया कि राज्य के विभिन्न अदालतों में वाणिज्य कर से संबंधित करीब 2300 करोड़ के मामले लंबित हैं. यह भी कहा गया कि जो व्यवसायी सी फॉर्म तीन महीने के अंदर जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें तुरंत डिमांड नोटिस दें और सी फॉर्म देर से जमा करने वाले व्यवसायियों को डिमांड नोटिस में ब्याज भी जोड़ें. बैठक में प्रधान सचिव वाणिज्यकर विभाग केके खंडेलवाल सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
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