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उलिहातू सहित क्रांतिदूतों के 19 गांव बनेंगे आदर्श

रांची: विधायक व झारखंड के अग्रणी क्रांतिदूतों की जन्मस्थली से संबंधित कुल 100 गांवों का चयन आदर्श ग्राम बनाने के लिए किया गया है. इनमें 81 गांव विधायकों द्वारा चिह्नित तथा शेष 19 क्रांतिदूतों की जन्मस्थली से संबंधित हैं. ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से कुल 73 गांव में ग्राम सांस्कृतिक केंद्र […]

रांची: विधायक व झारखंड के अग्रणी क्रांतिदूतों की जन्मस्थली से संबंधित कुल 100 गांवों का चयन आदर्श ग्राम बनाने के लिए किया गया है. इनमें 81 गांव विधायकों द्वारा चिह्नित तथा शेष 19 क्रांतिदूतों की जन्मस्थली से संबंधित हैं. ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से कुल 73 गांव में ग्राम सांस्कृतिक केंद्र अखड़ा का निर्माण कर लिया गया है. वहीं कुल 70 गांवों में ग्राम संसद भवन (सामुदायिक भवन) तैयार है. शेष गांवों में अखड़ा व ग्राम संसद का निर्माण जारी है. स्वास्थ्य सुविधा के मद्देनजर सभी सौ गांवों को एक-एक एंबुलेंस दिये गये हैं.
वहीं किसी कार्यक्रम या योजना संबंधी प्रचार-प्रसार तथा जागरूकता कार्यक्रमों के लिए सभी गांवों को एक-एक एलसीडी उपलब्ध करायी गयी है. इन गांवों में विकास कार्यों के लिए अब तक 79.27 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. यह रकम पेयजल व स्वच्छता विभाग को प्रति गांव उपलब्ध करायी गयी 27-27 लाख (सौ गांवों के लिए कुल 2.70 करोड़) के अतिरिक्त है. पेयजल व स्वच्छता विभाग को मिली राशि आदर्श गांवों में पाइप के जरिये पेयजलापूर्ति योजना के लिए है.
समेकित विकास का कार्य
हालांकि इन गांवों को आदर्श गांव बनाने की अन्य शर्तें अभी पूरी होनी है. इनमें बेहतर सड़क, स्कूल व अस्पताल सहित ग्रामीणों के समेकित विकास के अन्य कार्यक्रम शामिल हैं. आदर्श ग्राम में आजीविका के कम के कम तीन स्रोत विकसित किये जाने हैं तथा ग्रामीणों की आय मौजूदा आय से तीन गुनी बढ़ानी है. अगले तीन वर्षों में यह काम किया जाना है. इसके लिए सभी गांवों में ग्राम समिति का गठन किया जा रहा है. यह समिति अपने गांव में स्कूल, अस्पताल व अन्य विकास कार्य को सूचीबद्ध करेगी तथा सरकार को अपनी जरूरत तथा सुझाव से अवगत करायेगी. वहीं स्वास्थ्य व स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग सहित सरकार के विभिन्न विभाग कंवर्जेंस (अभिसरण) के अाधार पर सभी गांवों में अपनी योजनाएं क्रियान्वित करेंगे.
योजना 2012 में हुई थी शुरू
सबसे पहले 17 अगस्त 2012 को स्वतंत्रता सेनानी तेलंगा खड़िया के गुमला जिला स्थित सिसई प्रखंड के गांव मुरगू से आदर्श गांव बनाने की यह योजना शुरू हुई थी. इससे पहले राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2011-12 में राज्य के एक सौ गांवों का चयन आदर्श ग्राम बनाने के लिए किया था. पर गांवों को बेहतर बनाने की रफ्तार धीमी है. काम की गति बढ़ाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने पहले भी 16 जिलों के उपायुक्तों से कार्य प्रगति संबंधी स्पष्टीकरण मांगा था. उनसे काम लंबित रहने का कारण पूछा गया था. यानी बगैर जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी से अन्य कार्यक्रमों की तरह यह योजना भी प्रभावी नहीं होगी. पर अंतिम रूप से तो विधायक जिम्मेवार हैं, जिन्हें खुद के चयनित आदर्श गांव में विकास कार्यों की न सिर्फ मॉनिटरिंग करनी है, बल्कि ग्राम समिति का नेतृत्व भी करना है.

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