झारखंड को बिहार से अलग करने का मकसद यहां के लोगों का विकास था, जो यह नीति सुनिश्चत नहीं करती़ यह बैठक महानगर कार्यालय में हुई़ सीएनटी एक्ट व एसपीटी में संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा बड़े-बड़े उद्योगपतियों को जमीन मुहैया कराने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिसे हरगिज पूरा नहीं होने दिया जायेगा. इन मुद्दों पर विधानसभा में बहस होनी चाहिए़ यहां के आदिवासियों व मूलवासियों की पहचान यहां के जल, जंगल, जमीन, भाषा व संस्कृति से है़ उनकी सहमति के बिना इनकी स्थितियों में किसी तरह का बदलाव नहीं करना चाहिए़ बैठक में नारायण उरांव, दिनेश मुंडा, पवन तिर्की, संदीप तिर्की, प्रदीप कुजूर, अनिल किस्पोट्टा, राहुल तिर्की, स्मिथ तिर्की, गीता लकड़ा व अन्य मौजूद थे़
स्थानीयता नीति आदिवासियों-मूलवासियों के हित में नहीं, करें संशोधन : तिर्की
रांची. अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद महानगर शाखा व महिला शाखा ने स्थानीयता नीति में संशोधन की मांग की है़ महानगर शाखा के सचिव पवन तिर्की, महिला शाखा की अध्यक्ष निरंजना टोप्पो व अन्य ने कहा कि यह नीति राज्य के आदिवासियों व मूलवासियों के हित में नहीं है़. झारखंड को बिहार से अलग करने […]
रांची. अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद महानगर शाखा व महिला शाखा ने स्थानीयता नीति में संशोधन की मांग की है़ महानगर शाखा के सचिव पवन तिर्की, महिला शाखा की अध्यक्ष निरंजना टोप्पो व अन्य ने कहा कि यह नीति राज्य के आदिवासियों व मूलवासियों के हित में नहीं है़.
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