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स्थापना के 10 साल में ही दम तोड़ने लगा झालको

रांची: मौजूदा समय में झालको के अधिकांश कर्मियों (ज्यादतर चतुर्थवर्गीय) को न वेतन मिल रहा है और न ही अन्य कोई सरकारी सुविधाएं. कई कर्मियों के बाल-बच्चे तो दूसरे के घरों में कामकाज कर पेट पाल रहे हैं. झालको के गठन के समय 303 कर्मी थे, जिनकी संख्या आज 131 ही बच गये हैं. इसमें […]

रांची: मौजूदा समय में झालको के अधिकांश कर्मियों (ज्यादतर चतुर्थवर्गीय) को न वेतन मिल रहा है और न ही अन्य कोई सरकारी सुविधाएं. कई कर्मियों के बाल-बच्चे तो दूसरे के घरों में कामकाज कर पेट पाल रहे हैं. झालको के गठन के समय 303 कर्मी थे, जिनकी संख्या आज 131 ही बच गये हैं. इसमें 101 कर्मी रिटायर हो गये, जबिक 48 कर्मियों का निधन हो चुका है.
झालको के गठन के समय तय किया गया था कि संस्था का संचालन मिलने वाले काम से लाभांश से होगा. गठन के बाद से अब तक मात्र 13 करोड़ रुपये ही लाभांश के रूप में मिले हैं. जबकि, वेतन व स्थापना खर्च पर हर साल करीब चार करोड़ रुपये खर्च होते हैं. पैसा नहीं होने पर ऋण व वेतन भुगतान के रूप में संस्था को करीब 25 करोड़ रुपये ही मिले. 2015-16 में झालको कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए 8.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. यह राशि सरकार ने सरेंडर कर दिया. चालू वित्तीय वर्ष में जल संसाधन विभाग ने झालको कर्मियों के वेतन व बकाये के लिए 7.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसकी निकासी अब तक नहीं हो पायी है.
झालको निर्माण के बाद से अब तक निगम ने कराये हैं 4262 काम
झालको निर्माण के बाद से अब तक राज्य में निगम ने 4262 स्कीम पर काम कराया है. निगम का दावा है कि इससे करीब 38018 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा विकसित की गयी. निगम की मानें तो अब तक कुल 114 चेक डैम, 180 तालाब व बांध, 45 मध्यम सिंचाई योजना, 20 फीट व्यास के 737 कूप, 12 फीट व्यास के 115 कूप, 10 फीट व्यास के कुल 2430 कूप का निर्माण कराया गया. इसके अतिरिक्त 176 माइक्रोलिफ्ट स्कीम तथा 465 तालाब, आहर और बांध के जीर्णोद्धार का काम भी कराया गया.
खाली है चेयरमैन का पद
झालको के संचालन के लिए मनोनीत चेयरमैन का प्रावधान होना चाहिए. 2005 में जल संसाधन मंत्री रामचंद्र केसरी ने ही सिराज अहमद अंसारी को चेयरमैन बनाया था. इनका कार्यकाल तीन साल बाद समाप्त हो गया. इसके बाद यह प्रभार अभियंता प्रमुख के पास चेयरमैन का प्रभार है. सदस्य के रूप में राजेंद्र केसरी हैं. प्रभारी चेयरमैन भी कार्यालय में कम ही आते हैं.
अपना भवन भी नहीं
झालको का अपना भवन भी नहीं है. झालको कार्यालय कई वर्षों तक अशोकनगर में चला. अशोकनगर स्थित कार्यालय का पैसा नहीं देने के कारण इसे खाली करा दिया गया. इसे धुर्वा स्थित एक सरकारी भवन में कार्यालय दिया गया. इसे भी खाली करा दिया गया है. अब इसका कार्यालय कांके रोड स्थित कृषि भवन परिसर में स्थित गेस्ट हाउस में संचालित होगा.
कब कितनी राशि मिली (राशि लाख में)
वर्ष राशि
2005-06 371.90
2006-07 166.50
2007-08 2259.24
2008-09 30.24
2009-10 1068.71
2010-11 2436.29
2011-12 492.21
2012-13 468.68
2013-14 1288.02
2014-15 2775.16
अब तक प्रबंध निदेशक
प्रबंध निदेशक कार्यकाल
शिवजी शर्मा 26.3.02 से 06.07.02
मोहन लाल राय 08.01.03 से 29.05.03
टीएमपी गुप्ता 30.05.03 से 31.05.03
विनोद कुमार वर्मा 19.06.03 से 01.03.05
कुंज बिहारी हाजरा 02.03.05 से 28.02.07
दुर्गा कुमार यादव 01.03.07 से 30.06.09
अनिरुद्ध प्रसाद 01.07.09 से 30.06.10
सुरेश पासवान 06.07.10 से 30.07.12
अरुण कुमार सिंह 30.07.12 से 20.02.13
किशोरी रजक 20.02.13 से अब तक

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