रांची: मरहू निवासी नाहिद खान का दाहिना पैर बच गया. उसका इलाज बड़े शहरों के अस्पतालों के बजाय रांची में कम खर्च पर संभव हुआ. राज अस्पताल में नाहिद के दाहिने जांघ के खून की नली की सजर्री कर उसे दुरुस्त किया गया.
मंगलवार को अस्पताल में पत्रकारों को नाहिद ने बताया कि गोली लगने से उसकी दाहिनी जांघ जख्मी हो गयी थी. रिम्स में इलाज के बाद भी जख्म ठीक नहीं होने पर चिकित्सकों ने बाहर जाने की सलाह दी, लेकिन राज अस्पताल में आने के बाद यहां जांघ का ऑपरेशन किया गया. अब मैं बिल्कुल ठीक हूं.
हजारीबाग के मुर्तजा ने कहा कि शरीर पर रॉड के गिर जाने से वह जख्मी हो गया था. उसकी कोहनी के पास गहरा जख्म हो गया था. समय पर ऑपरेशन कराने से उसका हाथ बच गया. प्लास्टिक सजर्न डॉ पंकज कुमार ने बताया कि वैस्कुलर सजर्री जटिल होती है. इसमें शरीर के अन्य जगहों से खून की नली को निकाल कर ग्राफटिंग की जाती है. दोनों मरीजों के ऑपरेशन जटिल थे, लेकिन ऑपरेशन के बाद वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं.