27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन

रांची: सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन एंड इंफोर्समेंट ऑफ आदिवासी राइट्स (स्पीयर) के अध्यक्ष आरइवी कुजूर ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन आदिवासियों की जमीन हड़पने की साजिश है़ सरकार ने गलत मंशा से दोनों अध्यादेश को परामर्शदातृ समिति व राज्यपाल से अनुमोदित करा कर अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा है़ श्री कुजूर ने […]

रांची: सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन एंड इंफोर्समेंट ऑफ आदिवासी राइट्स (स्पीयर) के अध्यक्ष आरइवी कुजूर ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन आदिवासियों की जमीन हड़पने की साजिश है़ सरकार ने गलत मंशा से दोनों अध्यादेश को परामर्शदातृ समिति व राज्यपाल से अनुमोदित करा कर अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा है़ श्री कुजूर ने उक्त बातें बुधवार को गंगा आश्रम में कही.

उन्होंने कहा कि आदिवासियों से जुड़े तमाम मुद्दों पर सात अगस्त को मोरहाबादी के संगम गार्डेन में तमाम बुद्धिजीवियों व आदिवासी संगठनों की बैठक बुलायी गयी है, जिसमें भावी रणनीति तय की जायेगी़ मौके पर उपाध्यक्ष डॉ करमा उरांव व महासचिव हिमांशु कच्छप भी थे.

तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति प्रक्रियाओं पर तत्काल रोक लगे

श्री कुजूर ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियों में झारखंडी भाषा जाननेवालों को नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है और वर्तमान प्रावधान धोखा है़ उन्होंने कहा कि तृतीय व चतुर्थ वर्ग की सभी नियुक्ति प्रक्रियाओं पर तत्काल रोक लगायी जाये, तृतीय व चतुर्थ वर्ग की सभी सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए निर्धारित लिखित परीक्षा में 50 फीसदी वेटेज दिया जाये, क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं की परीक्षा आॅबजेक्टिव के बदले सबजेक्टिव की जाये, नियुक्ति के लिए निर्धारित परीक्षा में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की परीक्षा मेें उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया जाये़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें