यह पूछे जाने पर कि आपके दोनों बॉडीगार्ड ने पकड़ा था क्या. इस सवाल के जवाब में एसडीपीओ ने कहा कि जब मैं मीटिंग में था, तब तो रूपेश की निशानदेही पर राहे जंगल छापेमारी की जा रही थी. रूपेश को पकड़े जाने की जानकारी थी या नहीं. इस सवाल में जवाब में एसडीपीओ ने बताया कि सीनियर अफसर होने के नाते मुझे रूपेश को पूछताछ के लिए हिरासत में लिये जाने की जानकारी थी. क्राइम मीटिंग के दौरान रूपेश की बहन भी उनसे मिलने आयी थी.
उन्होंने उससे कहा कि रूपेश से पूछताछ की जा रही है, लेकिन रूपेश उनके पास नहीं था. एसडीपीओ ने कहा कि जिन्होंने भी रूपेश के साथ गलत किया था, उन्हें निलंबित किया जा चुका है. इधर, मामले में दोनों निलंबित दारोगा भी पूर्व में सीनियर अफसर को बता चुके हैं कि वे भी क्राइम मीटिंग में थे. दोनों रूपेश को पकड़ने और मारपीट की घटना में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं. अब यह सवाल उठने लगा है कि पुलिस हिरासत में रूपेश की मौत मामले में पुलिस अधिकारी खुद को बचाने के लिए तो ऐसा नहीं कर रहे हैं.