रांची: वकालत की पढ़ाई में अब उम्र बाधक नहीं बनेगी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने उम्रसीमा की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. इसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी प्रकाशित कर दिया गया है.
वकालत की पढ़ाई के लिए वर्ष 2008 में उम्रसीमा निर्धारित की गयी थी. इसके लिए लीगल एजुकेशन नियम 2008, नियम 11 खंड 28 अनुसूची-3 में प्रावधान किया गया था. वकालत के तीन वर्षीय बैचलर डिग्री के लिए अधिकतम आयु (सामान्य वर्ग के लिए) 30 वर्ष तय की गयी थी. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ वर्ग को उम्रसीमा में पांच वर्ष छूट देने का प्रावधान किया गया था.
वहीं पांच वर्षीय पाठ्यक्रम बैचलर ऑफ लॉ डिग्री प्रोग्राम के लिए सामान्य वर्ग के लिए 20 वर्ष और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए 22 वर्ष की उम्रसीमा निर्धारित की गयी थी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के झारखंड प्रतिनिधि अधिवक्ता नीलेश कुमार ने बताया कि बीसीआइ की ओर से जारी नोटिफिकेशन की प्रति मिल गयी है. काउंसिल ने उम्रसीमा के लिए निर्धारित नियम को असंवैधानिक और नैसर्गिक सिद्धांत के विरुद्ध बताया है. श्री कुमार ने बताया कि राज्य में फिलहाल सात लॉ कॉलेज हैं. नये सत्र के नामांकन में उम्रसीमा की शर्त नहीं रहेगी.