रांची: रांची पुलिस रसूखदारों को गिरफ्तार करने में सुस्ती बरतती है. दो नाम ऐसे हैं, जिन्हेंगिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने अदालत से गिरफ्तारी वारंट तो हासिल कर लिया है, लेकिन गिरफ्तारी के प्रति तत्परता नहीं दिखा रही. पुलिस सिर्फ कानूनी रस्म पूरा कर रही है.
पहला नाम सुनील सहाय का है. पुलिस को सुनील सहाय की तलाश नगर निगम चुनाव में कैश फॉर वोट के मामले में है. दूसरा नाम कमल सिंघानिया का है. पुलिस को सिंघानिया की तलाश आयकर विभाग के अफसरों के साथ मारपीट करने के मामले में है. दोनों के खिलाफ अदालत से वारंट जारी है. कहने को पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए छापामारी भी करती है, लेकिन गिरफ्तारी नहीं होती.
क्या हैं मामले
नोट फॉर वोट: नगर निगम चुनाव से एक दिन पहले सात अप्रैल 2013 को पुलिस ने सकरुलर रोड स्थित होटल सिटी पैलेस में छापामारी की थी. छापामारी के दौरान पुलिस ने होटल से 21.90 लाख रुपये नकद बरामद किये थे. मामले में पूर्व मेयर रमा खलखो, कांग्रेसी नेता निरंजन शर्मा और सुधीर साहू को गिरफ्तार भी किया गया. सभी जमानत पर हैं. जांच के दौरान पुलिस को सुनील सहाय के खिलाफ साक्ष्य मिले. इसके बाद पुलिस ने गत 10 दिसंबर को अदालत से सुनील सहाय के खिलाफ वारंट हासिल किया, लेकिन अब तक पुलिस सुनील सहाय को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
आयकर अफसरों की पिटाई : अक्तूबर 2013 को आयकर विभाग के अफसर अपर बाजार स्थित दुकान ट्रेड फ्रेंड्स का सव्रे करने गयी थी. इस दौरान दुकान के मालिक कमल सिंघानिया, विमल सिंघानिया और जयप्रकाश सिंघानिया ने कर्मचारियों के साथ मिल कर आयकर अधिकारी सहायक आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों के साथ मारपीट की थी. मारपीट की घटना के बाद आयकर अधिकारियों ने कोतवाली थाना में सिंघानिया ब्रदर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अदालत से गिरफ्तारी वारंट हासिल कर चुकी है, लेकिन तीनों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस गिरफ्तारी के लिए सिर्फ छापामारी करने की खानापूरी कर रही है.