रांची: मनिका थाने में पुलिस यातना की शिकार रिम्स में भरती नाबालिग काे शुक्रवार को हाेश आ गया. उसने बताया कि मनिका थाना में पुलिस ने उसे 10 घंटे तक रखा़ डंडे से पीटा और गला दबा कर पूछताछ करते रहे़ उससे थाना के एक कमरे में अकेले पूछताछ की जा रही थी़.
नाबालिग लड़की काे 14 जून की सुबह आठ बजे पूछताछ के लिए थाना लाया गया था और शाम छह बजे के आसपास छोड़ा गया था़. इसके बाद से लड़की बेहोश है. उसका इलाज रिम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर उमेश कुमार की देखरेख में चल रहा है़. रिम्स में अपने बेड पर वह कभी- कभी आंख खोलती है और पूछने पर थाेड़ा-थाेड़ा बोल पाती है़ इसके बाद खामोश होकर देखने लगती है़. उसकी स्थिति देख कर एक चिकित्सक ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लड़की सदमे में है़ गंभीर तनाव के कारण बच्ची की यह स्थिति हुई होगी़ वह पुलिस की पूछताछ से घबरा गयी होगी और उसी के कारण अब तक सदमा से उबर नहीं पायी है़.
क्या है पूरा मामला मामला : मनिका के रांकीकला गांव निवासी एक व्यक्ति की पुत्री किसी युवक के साथ करीब एक माह पूर्व फरार हो गयी़ इस संबंध में पांच जून को मनिका थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है़ पुलिस नाबालिग को गायब लड़की का सहेली बता कर युवती के बारे जानकारी लेने के लिए थाना लायी थी. जब नाबालिग से युवती के बारे किसी प्रकार की जानकारी पुलिस को नहीं मिली, तब उसे यातना दी जाने लगी. नाबालिग की मां रीता देवी का कहना है, जो लड़की फरार हुई है, उसकी मां कभी-कभी मेरी बेटी को बातचीत के लिए बुलाती थी़ मेरी बेटी से फरार लड़की का कोई लगाव नहीं था़ जब वह उसके घर जाती थी, तो उससे कुछ बात होती थी़ रीता देवी ने बताया कि 14 जून को थाने से निकलने के बाद एक वाहन से हमलोग अपने गांव रांकीकला जा रहे थे.
उसी समय वह कांपने लगी और गाड़ी में कुछ नहीं बोल रही थी़ घर पहुंचने पर वह पूरी तरह बेहोश हो गयी़ इसके बाद उसे तुंबागढ़ा स्थित नवजीवन अस्पताल ले जाया गया़ वहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया़ उसे कोई बीमारी नहीं है और इसके पहले वह कभी इस प्रकार बेहोश नहीं हुई थी़ नाबालिग की मां ने बताया कि उसे शुक्रवार को जूस और पानी दिया गया था़ एक बार उसने इशारा किया तो बाथरूम ले जाने के लिए उठाया गया था़.
13 जून को छोटा बाबू मेरा व दामाद का मोबाइल ले गये: नाबालिग के पिता राजेंद्र राम ने बताया कि 13 जून की शाम थाने के छाेटा बाबू आरपी शर्मा मेरे और मेरे दामाद बबलू राम का मोबाइल ले गये थे़ उन्होंने फरमान जारी किया था कि सुबह आठ बजे बच्ची को ले अाना़ पुलिस ने जो कह दिया वह कह दिया़ आठ बजे मतलब आठ बजे़ दोनों का मोबाइल अभी तक पुलिस के पास है. मोबाइल जब्त होने की वजह से भी नाबालिग परेशान है. राजेंद्र राम ने कहा कि होश आने पर मेरी बेटी मोबाइल के बारे में भी पूछती है़ मनिका थाना प्रभारी गुलाम रब्बानी खान ने उसे बताया कि उसका मोबाइल सुरक्षित है़.
14 जून को आठ बजे पुत्री को थाना पहुंचाये थे : राजेंद्र राम ने कहा कि 14 जून को आठ बजे पुत्री को थाना पहुंचाये थे़ थोड़ी देर के बाद जब हमलोग उसके बारे में पूछने के लिए गये, तो आरपी शर्मा ने हमें डांट कर भगा दिया़ . गाली-गलौज भी की गयी़ 13 जून को ही पुलिस हमारे घर गयी थी, जब हमने बताया था कि वह मामा के घर गयी है, उसके बाद भी पूरे घर में उसकी तलाश करने के बाद बोले कि सुबह आठ बजे उसे लेकर थाना आना़.
नाबालिग से पूछताछ के दौरान जुबेनाइल जस्टिस एक्ट का पूर्ण रूप से पालन किया गया है़ हमने भी नाबालिग से पूछताछ की थी़ दो से तीन घंटे ही नाबालिग को थाने में रखा गया था़ 10 घंटे रखने की बात गलत है़ मंगल सिंह जामुदा, डीएसपी, बरवाडीह
क्या कहते हैं डॉक्टर
स्ट्रेस डिसऑर्डर से जूझ रही
गंभीर तनाव के कारण बच्ची की यह स्थिति हुई होगी. महिला विभाग के चिकित्सकों से भी सलाह मांगी गयी है. बच्ची की रूटीन जांच भी करायी जा रही है. मलेरिया सहित सभी जांच की सलाह दी गयी है. रिपोर्ट आने के बाद ही हम कुछ कहने की स्थिति में होंगे.
डॉ उमेश प्रसाद, रिम्स
जांच का आदेश
एएसआइ लाइन हाजिर
मनिका घटना के पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया गया है. एसडीपीओ जांच करेंगे. अनुसंधानक और लड़की से पूछताछ करनेवाले एएसआइ रामप्रवेश शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
अनूप बिरथरे, एसपी, लातेहार
जेजे एक्ट का पालन पूछताछ के दौरान हुआ या नहीं यह जांच का विषय है़ पूछताछ से नाबालिग की हालत बिगड़ी है या पहले से उसे बीमारी थी, यह तो डॉक्टर ही बता सकते है़ं मोबाइल कॉल डिटेल रिकाॅर्ड के लिए लाया गया होगा़ जिस समय पूछताछ हो रही थी मैं थाना में नहीं था़
गुलाम रब्बानी खान, थाना प्रभारी, मनिका