सीआइडी के अफसरों को इस बिंदु पर आशंका थी कि अगर ज्ञानचंद्र को अपराधी अगर मारना ही चाहते और उनकी रेकी पहले से कर रहे थे, तब इस दौरान उन्हें कहीं भी गोली मारी जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ज्ञानचंद्र कहां जा रहे हैं और किससे मिल रहे हैं, इसकी जानकारी सिर्फ दोनों कर्मचारियों को ही थी. दोनों में से ही किसी ने शूटर को फोन कर ज्ञानचंद्र के लोकेशन के बारे में जानकारी दी होगी. इसलिए मामले में दोनों की संलिप्तता पर संदेह था. हालांकि दोनों की संलिप्तता से संबंधित कोई तथ्य अभी तक की जांच में पुलिस को नहीं मिले हैं. पुलिस व्यावसायिक विवाद में किसी व्यवसायी द्वारा ज्ञानचंद पर हमला करवाने से संबंधित बिंदु पर आगे की जांच कर रही है. एक व्यवसायी की संलिप्तता पर पुलिस को संदेह है, जिसके बारे में पुलिस साक्ष्य एकत्रित कर रही है.
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खदान व्यवसायी ज्ञानचंद्र प्रकाश अग्रवाल पर हमला करने का मामला: सीआइडी को था कर्मचारियों पर संदेह, पुलिस की नहीं मिले साक्ष्य
रांची: रातू रोड स्थित गैलेक्सिया मॉल के समीप लोहरदगा के बॉक्साइट व्यवसायी ज्ञानचंद्र अग्रवाल पर हमला के बाद सीआइडी की टीम ने घटनास्थल की जांच की थी. इसके बाद घटना के पीछे उनके दोनों कर्मचारी विश्वजीत मिश्रा और बलाइचंद्र कुईया की संलिप्तता पर सीआइडी के अधिकारियों ने संदेह जताया था. उन्होंने दोनों की संलिप्तता पर […]
रांची: रातू रोड स्थित गैलेक्सिया मॉल के समीप लोहरदगा के बॉक्साइट व्यवसायी ज्ञानचंद्र अग्रवाल पर हमला के बाद सीआइडी की टीम ने घटनास्थल की जांच की थी. इसके बाद घटना के पीछे उनके दोनों कर्मचारी विश्वजीत मिश्रा और बलाइचंद्र कुईया की संलिप्तता पर सीआइडी के अधिकारियों ने संदेह जताया था. उन्होंने दोनों की संलिप्तता पर पुलिस से जांच करने को कहा था.
हालांकि पुलिस को अबतक की तकनीकी जांच और दूसरी जांच में दोनों की संलिप्तता के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. पुलिस मामले में दोनों से पूर्व में संदेह के आधार पर पूछताछ भी कर चुकी है. सीआइडी के अधिकारियों को आशंका थी कि घटना के दिन एक कर्मचारी बालचंद्र कुईया अशोक नगर में ही कुछ काम से रुक गया था. वहां से विश्वजीत मिश्रा ज्ञानचंद्र को कार में लेकर बरियातू रोड स्थित अारएस रूंगटा के आवास पर पहुंचे. वहां से कार का शीशा ठीक करवाने सुजाता चौक के पास पहुंचा. कार का शीशा ठीक करवाने के दौरान वहां बालचंद्र कुईया भी पहुंचा. इसके बाद तीनों रातू रोड इनकम टैक्स के वकील से मिलने पहुंचे.
सीआइडी के अफसरों को इस बिंदु पर आशंका थी कि अगर ज्ञानचंद्र को अपराधी अगर मारना ही चाहते और उनकी रेकी पहले से कर रहे थे, तब इस दौरान उन्हें कहीं भी गोली मारी जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ज्ञानचंद्र कहां जा रहे हैं और किससे मिल रहे हैं, इसकी जानकारी सिर्फ दोनों कर्मचारियों को ही थी. दोनों में से ही किसी ने शूटर को फोन कर ज्ञानचंद्र के लोकेशन के बारे में जानकारी दी होगी. इसलिए मामले में दोनों की संलिप्तता पर संदेह था. हालांकि दोनों की संलिप्तता से संबंधित कोई तथ्य अभी तक की जांच में पुलिस को नहीं मिले हैं. पुलिस व्यावसायिक विवाद में किसी व्यवसायी द्वारा ज्ञानचंद पर हमला करवाने से संबंधित बिंदु पर आगे की जांच कर रही है. एक व्यवसायी की संलिप्तता पर पुलिस को संदेह है, जिसके बारे में पुलिस साक्ष्य एकत्रित कर रही है.
ओड़िशा में अपराधियों का सुराग तलाश रही है पुलिस
लोहरदगा के खदान व्यवसायी ज्ञानचंद प्रकाश अग्रवाल पर हमला मामले में रांची पुलिस की एक टीम ओड़िशा गयी है़ टीम वहां अपराधियों का सुराग तलाश रही है़ मेडिका में दिये गये व्यवसायी के बयान के आधार पर पुलिस ओड़िशा गयी है़ इस संबंध में सिटी एसपी किशोर कौशल का कहना है कि पुलिस इस मामले की छानबीन में गंभीरता से लगी हुई है़ एक-दो दिन में कुछ रिजल्ट सामने आयेगा़ गौरतलब है कि सोमवार को व्यवसायी पर रातू रोड में दो अधराधियों ने गोली चलायी थी़
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