मरीज की स्थिति खतरे से बाहर है़ उसे रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में रखा गया है़ एक-दो दिन में मरीज की स्थिति और बेहतर हो जायेगी़ चिकित्सकों ने दावा किया है कि यह देश का पहला मामला हो सकता है़ .
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रिम्स: छाती में फंसे लिवर को सही जगह पर लगाया
रांची: रिम्स के चिकित्सकों ने हजारीबाग निवासी बिशुन रविदास को नयी जिंदगी दी है़ सर्जरी विभाग के डॉ विनोद कुमार की यूनिट ने बुधवार को जटिल ऑपरेशन कर मरीज की छाती में फंसे लिवर को सही जगह स्थापित किया़ वहीं पेट व छाती को अलग करनेवाली झिल्ली का भी ऑपरेशन किया़ मरीज की स्थिति खतरे […]
रांची: रिम्स के चिकित्सकों ने हजारीबाग निवासी बिशुन रविदास को नयी जिंदगी दी है़ सर्जरी विभाग के डॉ विनोद कुमार की यूनिट ने बुधवार को जटिल ऑपरेशन कर मरीज की छाती में फंसे लिवर को सही जगह स्थापित किया़ वहीं पेट व छाती को अलग करनेवाली झिल्ली का भी ऑपरेशन किया़
मरीज की स्थिति खतरे से बाहर है़ उसे रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में रखा गया है़ एक-दो दिन में मरीज की स्थिति और बेहतर हो जायेगी़ चिकित्सकों ने दावा किया है कि यह देश का पहला मामला हो सकता है़ .
सीटी स्कैन में पता चला
बिशुन रविदास के परिजनों ने बताया कि वह छत से गिर गये थे़ इसके बाद से उनके पेट में दर्द हो रहा था़ हजारीबाग के चिकित्सकों ने प्रारंभिक इलाज के बाद रिम्स रेफर कर दिया़ यहां सीटी स्कैन में पाया गया कि मरीज के पेट व छाती को अलग करने वाली झिल्ली छतग्रिस्त हो गयी है. मरीज का लिवर उसकी छाती में फंस गया है़.
दुनिया में 10 ही मामले
मेडिकल लिटरेचर में ऐसे मामले बहुत कम ही आये है़ं विश्व में ऐसे 10 ही मामले दर्ज है़ं रिम्स में ऐसे मामले अभी तक नहीं आये थे़
ऑपरेशन में ये थे शामिल
अॉपरेशन में डॉ विनोद कुमार, डॉ निशित एक्का, पीजी डॉक्टर डॉ मनोज कुमार, डॉ विजय शुक्ला, डॉ तनुश्री व डॉ विक्रम के अलावा एनेस्थीसिया के डॉ मुकेश कुमार, डॉ वरुण व डॉ खतीब शामिल थे.
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