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रिम्स में शुरू होगा साइटो जेनेटिक विंग , गर्भ में ही शिशु की बीमारी का अब चल जायेगा पता
रांची: अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए राहत भरी खबर है़ रिम्स में अनुवांशिक बीमारी का पता लगाने के लिए शीघ्र ही साइटो जेनेटिक विंग शुरू होनेवाला है़ साइटो जेनेटिक विंग मेडिकल जेनेटिक का भाग है़ इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की बीमारी का पता लगाया जा सकता है़ रिम्स में यह विंग […]
रांची: अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए राहत भरी खबर है़ रिम्स में अनुवांशिक बीमारी का पता लगाने के लिए शीघ्र ही साइटो जेनेटिक विंग शुरू होनेवाला है़ साइटो जेनेटिक विंग मेडिकल जेनेटिक का भाग है़ इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की बीमारी का पता लगाया जा सकता है़ रिम्स में यह विंग अगस्त में शुरू हो सकता है. रिम्स प्रबंधन इसका प्रस्ताव एमसीआइ को भेजेगा़ .
क्या है साइटो जेनेटिक
साइटो जेनेटिक में शरीर के क्रोमोजोम की जांच की जाती है़ मशीन के माध्यम से जांच कर यह पता लगाया जाता है कि शरीर के किस सेल के कारण यह बीमारी हो रही है. कौन सा सेल इसके लिए जिम्मेदार है़ .
मशीन का होगा उपयोग
रिम्स के जेनेटिक विंग में पड़ी साइटो जेनेटिक मशीन का उपयोग विंग के खुलने के बाद शुरू हो जायेगा़ सूत्राें के अनुसार रिम्स में अनुवांशिक बीमारी के पंजीकृत चार सौ मरीज हैं, लेकिन उन्हें बाहर में इलाज कराना पड़ता है़ अगर यह विंग रिम्स में खुल जायेगा, तो राज्य से बाहर मरीजों का जाना बंद हो जायेगा़
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साइटो जेनेटिक विंग शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है़ उम्मीद है कि यह विंग अगस्त में चालू हो जायेगा़ विंग के शुरू होने से ऐसे मरीजों को इलाज के लिए राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ेगा़
डॉ अमर वर्मा, डिप्टी डायरेक्टर जेनेटिक विंग
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