सेंट्रल कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में मोर्टार सेल का परीक्षण भी किया गया था. परीक्षण के दौरान मोर्टार का सेल 300 गज की दूरी तक ही जा सका था. साथ ही आवाज भी बहुत ज्यादा होता था. इस बात की पुष्टि दिसंबर 2014 में टेक्निकल कमेटी के सदस्य संजय गंझू ने भी गिरफ्तारी के बाद की थी. नल्ला भिक्षापति को संगठन में माधवजी, रवि व सुभाष के नाम से भी जाना जाता था. वह वर्ष 1991 में संगठन में शामिल हुआ था. वह आंध्र प्रदेश के वारंगल जिला के धरमा सागर थाना क्षेत्र के टाटीकैला गांव का रहनेवाला है. जून 2011 में लातेहार पुलिस ने सर्च अभियान के दौरान रॉकेट लांचर बरामद किया था. इस मामले में भी पुलिस ने नल्ला भिक्षापति को अभियुक्त बनाया था, लेकिन इस मामले में भी पुलिस उसको सजा नहीं दिला पायी.
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माओवादी नेता को सजा नहीं दिला पायी पुलिस
रांची: झारखंड पुलिस माओवादी नेता नल्ला भिक्षापति को अदालत में सजा नहीं दिला सकी. नल्ला भिक्षापति सेंट्रल टेक्निकल कमेटी का सदस्य था. खबर है कि नल्ला भिक्षापति जेल से रिहा हो गया. वह अभी कहां हैं, इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है. कुछ लोग उसके आंध्रप्रदेश में होने की बात बताते हैं. नल्ला भिक्षापति को […]
रांची: झारखंड पुलिस माओवादी नेता नल्ला भिक्षापति को अदालत में सजा नहीं दिला सकी. नल्ला भिक्षापति सेंट्रल टेक्निकल कमेटी का सदस्य था. खबर है कि नल्ला भिक्षापति जेल से रिहा हो गया. वह अभी कहां हैं, इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है. कुछ लोग उसके आंध्रप्रदेश में होने की बात बताते हैं. नल्ला भिक्षापति को खिलाफ झारखंड में चाईबासा और लातेहार जिला में मामला दर्ज किया गया था.
नल्ला भिक्षापति को अक्तूबर 2010 में चाईबासा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने बताया था कि उसके पास से पुलिस ने 25 जिलेटिन स्टीक, 10 डेटोनेट, दो बूस्टर व एक फ्लैश कैमरा जब्त किया था. झारखंड में आने से पहले नल्ला भिक्षापति ओड़िशा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और मध्य प्रदेश में काम कर चुका था. गिरफ्तारी के बाद उसने बताया था कि वह वर्ष 2008 से झारखंड के जंगलों में रह कर चाईबासा के बलिवा व तिरिलपोशी के बीच जंगलों में संगठन के लिए टेक्निकल कैंप लगाया था. इस दौरान उसने मोर्टार का 120 सेल भी बनाया था.
सेंट्रल कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में मोर्टार सेल का परीक्षण भी किया गया था. परीक्षण के दौरान मोर्टार का सेल 300 गज की दूरी तक ही जा सका था. साथ ही आवाज भी बहुत ज्यादा होता था. इस बात की पुष्टि दिसंबर 2014 में टेक्निकल कमेटी के सदस्य संजय गंझू ने भी गिरफ्तारी के बाद की थी. नल्ला भिक्षापति को संगठन में माधवजी, रवि व सुभाष के नाम से भी जाना जाता था. वह वर्ष 1991 में संगठन में शामिल हुआ था. वह आंध्र प्रदेश के वारंगल जिला के धरमा सागर थाना क्षेत्र के टाटीकैला गांव का रहनेवाला है. जून 2011 में लातेहार पुलिस ने सर्च अभियान के दौरान रॉकेट लांचर बरामद किया था. इस मामले में भी पुलिस ने नल्ला भिक्षापति को अभियुक्त बनाया था, लेकिन इस मामले में भी पुलिस उसको सजा नहीं दिला पायी.
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