रांची: मैट्रिक व इंटर के खराब रिजल्ट वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर कार्रवाई होगी़ स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी उपायुक्त को इस संबंध में निर्देश जारी किया है़ विभाग द्वारा उपायुक्त को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि मैट्रिक व इंटर के रिजल्ट की जिलास्तर पर समीक्षा की जाये. जिला […]
रांची: मैट्रिक व इंटर के खराब रिजल्ट वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर कार्रवाई होगी़ स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी उपायुक्त को इस संबंध में निर्देश जारी किया है़ विभाग द्वारा उपायुक्त को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि मैट्रिक व इंटर के रिजल्ट की जिलास्तर पर समीक्षा की जाये. जिला में प्रत्येक स्कूल के रिजल्ट की अलग-अलग विषयवार समीक्षा की जायेगी़ वैसे विद्यालय जिनका रिजल्ट जिस विषय में सबसे अधिक खराब हुआ है, उन्हें चिह्नित किया जायेगा़.
हाइस्कूल के शिक्षकों पर कार्रवाई जिलास्तर पर करने को कहा गया है़, जबकि प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों पर कार्रवाई की अनुशंसा स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से करने को कहा गया है़ वर्ष 2016 में मैट्रिक, इंटर साइंस व कॉमर्स दोनों संकाय के रिजल्ट में गिरावट आयी है़.
राज्य के 15 प्लस टू उच्च विद्यालय में इंटर में सभी विद्यार्थी फेल हो गये़, जबकि लगभग 50 प्लस टू उच्च विद्यालय में विज्ञान संकाय में पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या दस से भी कम है़ स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि किसी विद्यालय में संकाय विशेष में एक भी विद्यार्थी का पास नहीं होना काफी चिंताजनक व गंभीर बात है़ प्लस टू उच्च विद्यालय में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति भी गयी है़ शिक्षकों के रहते हुए विद्यालय का रिजल्ट खराब होना विद्यालय प्रशासन व विषय के प्रभारी शिक्षक के लापरवाही का परिचायक है़ रिजल्ट की समीक्षा के बाद जिन स्कूलों का रिजल्ट संतोषजनक नहीं है, उनके प्रधानाध्यापक व विषय के शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण प्राप्त करने को कहा गया है़ शिक्षकों का जवाब संताेषप्रद नहीं होने पर एक अनुशासनिक कार्रवाई करने को कहा गया है़ .माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पर जिलास्तर से ही समुचित कार्रवाई करने, हाइस्कूल के प्रधानाध्यापक व प्लस टू उच्च विद्यालय के स्नातकोत्तर शिक्षकों पर कार्रवाई की अनुशंसा निदेशालय से करने को कहा गया है़
क्या हो सकती है कार्रवाई
खराब रिजल्ट वाले स्कूल के शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा गया है़ इसके तहत शिक्षक पर निंदन से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है़ अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निंदन, वेतन वृद्धि पर रोक, डिमोशन से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है़ .
वर्ष 2004 में 225 शिक्षकाें पर हुई थी कार्रवाई : वर्ष 2004 में मैट्रिक रिजल्ट खराब होने के कारण तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा के निर्देश पर शिक्षकों पर कार्रवाई की गयी थी़ उस समय उवि के 225 शिक्षकों के एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गयी थी़ इसके बाद रिजल्ट में लगातार सुधार होने लगा था़ बाद में वेतन वृद्धि पर लगी रोग हटा ली गयी थी़