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झारखंड को शीघ्र मिलेंगे 400 करोड़
रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सुखाड़ पर बुलायी गयी बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्र सरकार से मनरेगा मद में 400 करोड़ रुपये की मांग की. बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि बजट आवंटन पास हो चुका है, राशि शीघ्र उपलब्ध करा दी जायेगी. दिल्ली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री […]
रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सुखाड़ पर बुलायी गयी बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्र सरकार से मनरेगा मद में 400 करोड़ रुपये की मांग की. बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि बजट आवंटन पास हो चुका है, राशि शीघ्र उपलब्ध करा दी जायेगी. दिल्ली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में मौसम की सटीक जानकारी के लिए डोपलर रडार स्थापित करने का भी आग्रह किया. केंद्र सरकार ने इस पर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
सुखाड़ से निबटने के राज्य के कदमों की जानकारी दी : मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को सुखाड़ से निबटने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाये गये कदमों की जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष जताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संचयन को जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए.
उन्होंने सिंचाई क्षमता में वृद्धि कर राज्य को सुखाड़ से बचाने का प्रयास करने के भी सुझाव दिये. राज्य में बन रहे डोभा, तालाब और जल स्रोतों के संरक्षण पर कहा कि सृजित परिसंपत्तियों को एक यूनिक नंबर दिया जाना चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि सृजित परिसंपत्तियों की जीपीएस लोकेशन के अलावा फोटोग्राफी करायी जा रही है.
सुखाड़ से निबटने के लिए राज्य ने किया 4845.72 करोड़ का प्रावधान : इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि सुखाड़ से निबटने के लिए राज्य सरकार ने बजट में 4845.72 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. यह कुल बजट का 13.07 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले दो वर्षों से अल्पवृष्टि के कारण राज्य में गंभीर जल संकट उत्पन्न हुआ है. पिछले 15 वर्षों में झारखंड 10 साल सूखाग्रस्त रहा है.
औसत से कम और असमय वर्षा ने पेय जल संकट के साथ-साथ सिंचाई को भी प्रभावित किया है. पिछले वर्ष सितंबर-अक्तूबर से योजना बनाओ अभियान के क्रम में ग्रामीणों से बात करने पर जल की गंभीर समस्या सामने आयी. इसके बाद एक दिसंबर को राज्य को सुखाड़ग्रस्त घोषित किया गया.
जल संग्रहण, जल स्रोतों के निर्माण को लेकर बनी है योजना : उन्होंने बताया कि सरकार ने कृषि बजट तैयार किया है. इसके तहत समग्र विकास की योजना बनायी गयी है. गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में के मूल मंत्र पर कार्य योजना तैयार की गयी है. जल संग्रहण, जल स्रोतों का निर्माण व नवीकरण और सरकारी व निजी तालाबों को गहरा करने का काम किया जा रहा है.
मशीन का प्रयोग करते हुए चयनित योजनाओं को जून तक पूरा करने का निर्णय लिया गया है. कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास आदि विभागों के कार्यों को समेकित कर जलछाजन प्राधिकार बनाया जा रहा है. इसके तहत विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जल संरक्षण संबंधी कार्यों में कंवरजेंस लाया जा रहा है. दलहन और तिलहन के बीज की एनएससी के माध्यम से आपूर्ति कराये जाने से संंबंधित मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि पर्याप्त मात्रा में एनएससी के माध्यम से बीच आपूर्ति की जायेगी.
बैठक में कौन-कौन थे मौजूद
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह, झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अमित खरे, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी.
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