-हर हाल में द्वितीय राजभाषा का दरजा मिलेगा : सीपी सिंह
-मंच को अपना भवन बनाने में हर संभव सहयोग करेंगे
-विचार गोष्ठी, मेधा सम्मान का भी आयोजन
रांचीः मैथिली हर दृष्टि से समृद्ध है. मैथिली को हर हाल में द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसे राजभाषा का दर्जा मिलने में देर हो रही है, लेकिन अंधेर नहीं है. उक्त बातें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह ने रविवार को झारखंड मैथिली मंच के तत्वावधान में विद्यापति दलान में विचार गोष्ठी, मेधा सम्मान व कैलेंडर सह पंचांग के विमोचन के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि मैथिली के साथ-साथ भोजपुरी व मगही को राजभाषा का दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि मंच को और लोगों को जोड़ने की जरूरत है.
उन्होंने यह भी कहा कि मंच का अपना भवन बनना चाहिए. इसमें हम हर संभव सहयोग करेंगे. श्री सिंह ने लोगों को नव वर्ष व मकर संक्रांति की बधाई दी. समारोह में पूर्व मुख्य सचिव एसके चौधरी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन अनेकों बार किया जाना चाहिए. श्री चौधरी व पूर्व डीजीपी कुमुद चौधरी की ओर से वर्ष 13 में माध्यमिक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर ‘मैथिली संवैधानिक मान्यता के दस वर्ष झारखंड के परिपेक्ष्य में’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें वक्ता के रूप में डॉ कृष्ण मोहन झा, प्रो नरेंद्र झा, सियाराम झा सरस, श्याम दरिहरे,पंचानन मिश्र, विद्यानाथ झा विदित ने हिस्सा लिया और अपनी-अपनी बातें रखीं. अध्यक्षीय भाषण काशीनाथ झा ने किया.
महासचिव कृष्ण कुमार झा ने कहा कि मेधा सम्मान समारोह का यह शुरुआती दौर है. आनेवाले दिनों में इसका भव्य आयोजन किया जायेगा. कोषाध्यक्ष प्रेमचंद्र झा ने भी अपनी बातें रखीं. संचालन अमरनाथ व धन्यवाद ज्ञापन जयंत झा ने किया. कार्यक्रम के आयोजन में सर्वजीत चौधरी, ब्रजकिशोर झा, समीर मिश्र सहित अन्य का सहयोग रहा. कार्यक्रम में मंच के सदस्यों के अलावा बच्चे व महिलाएं भी उपस्थित थीं. इससे पूर्व गोसाउनिक गीत जय-जय भैरवि असुर-भयाउनि गाकर भगवती की आराधना की गयी व विद्यापति के चित्र पर माल्यार्पण किया गया.
कैलेंडर में दी गयी जानकारी : मंच के इस कैलेंडर सह पंचांग में पहले पन्ने पर बाबा विद्यापति की तसवीर, दूसरे पन्ने पर छठ पर्व सहित अंतिम पन्ने पर मिथिला पेंटिग को दर्शाया गया है. इसमें सभी महीने में पड़नेवाले पर्व-त्यौहार के अलावा विवाह, मुंडन, गृह आरंभ, गृहप्रवेश, भदवा की जानकारी दी गयी है.