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जेहाद के लिए युवकों को बाहर भेजता था ”कटकी”

सुरजीत सिंह रांची: आतंकी संगठन अलकायदा का इंडियन कांटिनेंटल चीफ मौलाना अब्दुल रहमान कटकी युवकों को बहका कर जेहाद के लिए बाहर भेजने का काम करता था. झारखंड के अलावा ओड़िशा और कर्नाटक के बेंगलुरु का लगातार दौरा करता था. दिल्ली पुलिस को दिये बयान में उसने बताया है कि विभिन्न राज्यों में उसे अलग-अलग […]

सुरजीत सिंह
रांची: आतंकी संगठन अलकायदा का इंडियन कांटिनेंटल चीफ मौलाना अब्दुल रहमान कटकी युवकों को बहका कर जेहाद के लिए बाहर भेजने का काम करता था. झारखंड के अलावा ओड़िशा और कर्नाटक के बेंगलुरु का लगातार दौरा करता था. दिल्ली पुलिस को दिये बयान में उसने बताया है कि विभिन्न राज्यों में उसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है. झारखंड में लोग उसे मौलाना हैदर के नाम से जानते हैं. वहीं, बेंगलुरु में वह मंसूर के नाम से जाना जाता है. लोग उसे अली खान और कासिम के नाम से भी जानते हैं. पुलिस की पूछताछ में उसने बेंगलुरु, रांची, जमशेदपुर, लोहरदगा व चतरा में अपने संपर्क सूत्रों का खुलासा किया है.
उसने पुलिस को बताया कि कोलकाता स्थित यूएस कांसुलेट में ब्लास्ट के मामले में उसका भाई ताहिर अली खान जेल गया था. इसके बाद 2003 में वह बेंगलुरु की लाल मसजिद गया था.
2007 में मिला था अलकायदा की भरती शाखा के प्रमुख से : कटकी 2007 तक बेंगलुरु में रहा, वहीं पर सबसे पहले अंजरशाह के संपर्क में आया. फिर दूसरे लोगों से संपर्क हुआ. अंजरशाह जिहादी सोच का आदमी है और कई बार रांची व जमशेदपुर आ चुका है. 2007 में ही अंजारशाह ने कटकी को उस्मान हैदराबादी उर्फ उमर हैदराबादी से मिलवाया था. बाद में कटकी ने उस्मान हैदराबादी को यूसुफ से मिलवाया. उस्मान हैदराबादी अभी पाकिस्तान के वजरिस्तान में रह रहा है. वह अलकायदा की भरती शाखा का प्रमुख है. यूसुफ इंजीनियर है और कंप्यूटर से कॉल करता है. वह अभी पाकिस्तान के रावलपिंडी में रह रहा है. उसके कई साथी अरब के मुल्कों में फैले हैं, जो उसकी मदद करते हैं. उसने ही कटकी से कहा था कि बेकार लड़कों को मिलवाओ. 2011 में यूसुफ ने कटकी को बेंगलुरु से लौटते वक्त रास्ते के खर्च के लिए 19000 रुपये भी दिये थे.
मदरसे में 85 में से 62 बच्चे झारखंड के, तीन शिक्षक
कटकी ओड़िशा के टांगी थाना क्षेत्र स्थित मंगोली में जमीयतुल हरामीन मदियानातुल अकसा नामक मदरसा चलाता था. यह मदरसा हरामीन ट्रस्ट से संबद्ध है. इसमें कुल 85 बच्चे पढ़ते थे, जिसमें 62 झारखंड के रांची, लोहरदगा, गुमला, जमशेदपुर व खूंटी जिले के थे. सभी को मुफ्त शिक्षा और खाना दिया जाता था. जमशेदपुर की आजाद बस्ती का रहनेवाला सिर्फ एक बच्चा हर माह पांच सौ रुपये देता था. बेंगलुरु की लाल मसजिद से चंदे की राशि मिलती थी. इसके अलावा रांची से भी चंदा मिलता था. रांची से चंदा वसूलने का काम कारितैयब और मौलाना महमूद करते थे. दोनों उसी मदरसा में पढ़ाते थे. कारितैयब चान्हो में किराये के मकान में रहते हैं, जबकि मौलाना महमूद बिजुपाड़ा के रहनेवाले हैं. इसके अलावा नरकोपी के मौलाना शमशाद भी मदरसा में पढ़ाता था.
कटकी व समी पुलिस रिमांड पर िलये गये
जमशेदपुर. शहर में अलकायदा का नेटवर्क तैयार करने के आरोप में बिष्टुपुर थाने में दर्ज देशद्रोह के मामले में दिल्ली तिहाड़ जेल से घाघीडीह जेल लाये गये संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान कटकी और अब्दुल समी को जिला पुलिस ने सात दिनों के रिमांड पर लिया है. पुलिस दोनों को बिष्टुपुर थाने में रख कर पूछताछ कर रही है. मामले की जांच कर रहीं डीएसपी जसिंता केरकेट्टा बुधवार सुबह 10 बजे दल-बल के साथ घाघीडीह जेल पहुंचीं. जेल से दोनों को कैदी वैन के जरिये कड़ी सुरक्षा में बिष्टुपुर थाना लाया गया. पुलिस को दोनों संदिग्ध से अभी तक की गयी पूछताछ में शहर में अलकायदा के एक बड़े नेटवर्क के बारे में पता चला है. Â बाकी
पुलिस कई जानकारियां कर रही हासिल : पुलिस दोनों से नेटवर्क से जुड़े सभी की लिस्ट, पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेनेवालों के नाम का पता कर रही है. इसके अलावा कटकी के इशारे पर अलकायदा के सदस्यों को आजादनगर के राजू द्वारा कहां-कहां हथियार पहुंचाये गये व आजादनगर से गायब दो भाइयों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. दोनों से पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, रांची से एटीएस, आइबी की टीम और बंगाल पुलिस भी आ सकती है.

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