रांची: बुधवार को पहाड़ी पहुंचे सेना के अधिकारियों को मेकन के इंजीनियर रंजीत कुमार ने स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि तिरंगा किस तरह से रिंग में फंस चुका है. जिस वजह से तिरंगा न तो नीचे खिसक रहा है और न ही ऊपर जा पा रहा है.
पूरी बात सुनने के बाद सैन्य अधिकारी निरंजन कुमार ने तिरंगे को उतारने का विकल्प सुझाया. मौके पर पहाड़ी मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष सह उपायुक्त मनोज कुमार समेत समिति के सभी सदस्य मौजूद थे. उन्होंने समिति के सदस्यों से झंडे का लेआउट प्लान मांगा. उस प्लान को सैन्य अधिकारी अपने साथ ले गये. जब सैन्य अधिकारी मास्ट के पास पहुंचे, तो देखा की इसकी ऊंचाई काफी है. तिरंगा मास्ट से काफी दूर लहरा रहा है.
पूरी स्थिति को देख श्री निरंजन ने कहा कि इसे हेलीकॉप्टर से ही उतारा जा सकता है. इसके लिए उन्होंने समिति के सदस्यों को कटर व वायर रोप की व्यवस्था करने को कहा.
कई सुझाव दिये
सैन्य अधिकारी निरंजन कुमार ने समिति के सदस्यों को कई तरह के सुझाव दिये. उन्हाेंने बताया कि झंडे का रोप जिसके सहारे उतरेगा उस पुल्ली को दुरुस्त रखें. मेटल की पुल्ली लगाये, जो तिरंगे के वायर रोप के दबाव को झेल सके. इसके अलावा वायर रोप अपने स्टॉक में रखें. गियर बॉक्स, टूल सेट व एक बकेट भी रखें.
पांचवीं बार फटा तिरंगा
रांची. पहाड़ी मंदिर पर अधूरा लहरा रहा तिरंगा बुधवार को तेज हवा की वजह से एक बार फिर फट गया. झंडे के आगे का किनारा क्षतिग्रस्त हो गया. अब तक पांच बार तिरंगा फट चुका है. इससे पहले भी चार बार तिरंगा फट चुका है.
हवा का दबाव देखने के बाद ही फहरायेंगे तिरंगा
पहाड़ी मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष सह उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा कि हवा के दबाव के बाद ही तिरंगे को फहराया जायेगा. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले तिरंगे को फहराया गया, लेकिन तकनीकी तौर पर आयी खामियों की वजह से तिरंगा झंडा नहीं उतर पा रहा है.
झंडा को उतारने को लेकर मेकन के इंजीनियरों का दल भी परेशान है, लेकिन अब तक झंडा को नहीं उतारा जा सका़ डीसी मनोज कुमार बुधवार को पहाड़ी मंदिर विकास समिति के कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
डीसी श्री कुमार ने कहा कि मुंबई व पुणे से आया इंजीनियरों का दल भी पहाड़ी मंदिर में लगे तिरंगे को उतारने के प्रयास में जुटा है. एक सवाल के जवाब में डीसी ने कहा कि समिति के कार्यों में सरकार के कार्याें काे नहीं जोड़ा जाना चाहिए. क्योंकि, पहाड़ी मंदिर में जो भी कार्य हो रहे हैं, वह समिति खुद कर रही है. वहीं, इस तिरंगे झंडे की मुहिम में लगे मेकॉन के इंजीनियर जेके झा ने बताया कि चूंकि, पुल्ली (जिस पर तिरंगा खिसकता है) से ज्यादा दबाव वायर रोप का है. इस वजह से परेशानी हो रही है. अचानक हवा का दबाव होने से भी मामला बिगड़ गया.
आर्किटेक्ट का दल पहुंचा
पहाड़ी मंदिर के निर्माण का जायजा लेने बुधवार को आर्किटेक्ट का दल पहाड़ी मंदिर पहुंचा. दीपक अग्रवाल ने बताया कि मंदिर का निर्माण तकनीकी रूप से हो, इसके लिए विन्टेक स्ट्रक्चर कंपनी व कॉन्फ्लूएंस आर्किटेक्ट कंपनी के साथ सहमति बनी है.