रांची: विधि विभाग ने सोलर पावर प्लांट के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आइएफसी) को कंसल्टेंट नियुक्त करने पर आपत्ति दर्ज करायी है. विधि विभाग ने आइएफसी द्वारा कंसल्टेंसी के लिए प्रस्तावित शर्तो को एकतरफा करार दिया है. ऊर्जा विभाग ने रांची जिले के सरकारी कार्यालयों की छतों पर पांच-पांच मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने और उसे एलटी लाइन से जोड़ने की योजना बनायी है.
इसके लिए विश्व बैंक की इकाई आइएफसी को नोमिनेशन के आधार पर कंसल्टेंट नियुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया गया. इसमें कहा गया था कि आइएफसी कंसल्टेंसी फीस के रूप में 60 हजार अमेरिकी डॉलर लेगी. इसके साथ ही सफलता शुल्क के रूप में एक लाख अमेरिकी डॉलर लेगी. आइएफसी को नोमिनेशन पर कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए यह तर्क दिया गया था कि गुजरात के गांधीनगर शहर में आइएफसी ने पीपीपी मोड पर इस योजना को क्रियान्वित किया है.
विभागीय मंत्री की सहमति के बाद इसे वित्त विभाग के पास भेजा गया था. वित्त विभाग ने प्रस्ताव की जांच के बाद तकनीकी और कानूनी आपत्ति दर्ज करायी थी. इसके बाद इस मामले में विधि विभाग की राय मांगी गयी. विधि विभाग ने कंसल्टेंट की शर्तो का अध्ययन करने के बाद इसे एकतरफा बताया. विधि विभाग ने अपनी राय देते हुए लिखा कि कंसल्टेंट की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए. आइएफसी की शर्तो के अनुसार अमेरिकी डॉलर में भुगतान करना होगा. टैक्स आदि का भुगतान ग्राहक (क्लायंट) जेरेडा को करना होगा.
भुगतान में देर होने पर चार प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा. आइएफसी पर किसी तरह का दावा (क्लेम) नहीं किया जा सकेगा. एकरारनामा और पदाधिकारी इंगलैंड के कानून से नियंत्रित होंगे. विवाद की स्थिति में मध्यस्थता (आरबिट्रेशन) का स्थान लंदन होगा.