ऑडियो में एएसपी श्री चौहान विधायक से उनके पीए का नाम जानना चाह रहे हैं. उनके मुताबिक विधायक के मोबाइल नंबर से उग्रवादियों की बातचीत हुई है. जब विधायक के द्वारा यह कहा गया कि वे आकर ही सब कुछ बतायेंगे, तो एएसपी ने यह कहा कि नहीं पीए लोगों का नाम बता दीजिए. इस पर विधायक के द्वारा कहा जा रहा है कि पुलिस कंपनियों के लिए काम कर रही है और उन्हें उग्रवादी बनाने की साजिश रच रही है.
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बड़कागांव विधायक के मोबाइल से उग्रवादी से बातचीत होने का आरोप
रांची: बड़कागांव के विधायक निर्मला देवी के मोबाइल से उग्रवादियों की बातचीत होती है. इस बात का खुलासा वाट्सएप पर वायरल हुए ऑडियो से हुआ है. ऑडियो में बड़कागांव के एएसपी हरिलाल चौहान (आइपीएस) विधायक निर्मला देवी को यही बता रहे हैं. ऑडियो में हुई बातचीत दो अप्रैल की है. ऑडियो में एएसपी श्री चौहान […]
रांची: बड़कागांव के विधायक निर्मला देवी के मोबाइल से उग्रवादियों की बातचीत होती है. इस बात का खुलासा वाट्सएप पर वायरल हुए ऑडियो से हुआ है. ऑडियो में बड़कागांव के एएसपी हरिलाल चौहान (आइपीएस) विधायक निर्मला देवी को यही बता रहे हैं. ऑडियो में हुई बातचीत दो अप्रैल की है.
फोन टेप कर रही है पुलिस : विधायक
बड़कागांव विधायक निर्मला देवी ने पूरे मामले को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस उनके मोबाइल पर हुई बातचीत को टेप कर रही है. उनकी गतिविधियों पर नजर रख कर उनकी निजता का हनन किया जा रहा है. पुलिस कंपनियों के पक्ष में काम कर रही है. पुलिस विपक्ष के विधायकों को डरा रही है. विधायक ने पुलिस पर उग्रवादी संगठन टीपीसी के साथ गंठजोड़ करने का भी आरोप लगाया है.
सामान्य वेरिफिकेशन के दौरान हुई बातें : एएसपी
बड़कागांव के एएसपी हरिलाल चौहान (आइपीएस) ने बताया कि रंगदारी व धमकी का एक मामला दर्ज किया गया था. केस के अनुसंधान के द्वारा अपराधी-उग्रवादी के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला गया था. जिन नंबरों पर बातचीत हुई थी, उसके सत्यापन के दौरान विधायक महोदय से बातें हुईं. इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. यह एक सामान्य वेरिफिकेशन है.
बातचीत : उग्रवादी बनाने का विचार है क्या…. होगा तो कार्रवाई जरूर होगी
विधायक : हैलो.
एएसपी : नमस्कार मैडम, हरिलाल चौहान, एएसपी बड़कागांव बोल रहा हूं.
विधायक : हां-हां. नमस्कार. कहिए.
एएसपी : ये आपका मोबाइल नंबर आपके अलावा किसी और के पास रहता है क्या?
विधायक : कुछ बात है क्या?
एएसपी : नहीं, नहीं. हम पूछ रहे हैं कि आपके पीए के पास यह नंबर रहता है या आपका पर्सनल नंबर है यह. आपके पास ही रहता है.
विधायक : हंसते हुए. नहीं, नहीं. मेरे पास रहता है और पीए लोगों के पास भी रहता है.
एएसपी : पीए लोग कौन हैं आपके?
विधायक : मेरे साथ गाड़ी में बैठते हैं, तो दे देते हैं. ऐसी कोई बात है क्या. बताइए. कोई दिक्कत है क्या?
एएसपी : नहीं, नहीं. कोई नहीं.
विधायक : मेरे ही पास रहता है. मोबाइल मेरे ही पास रहता है.
एएसपी : आपके पीए का नाम क्या हुआ. ये बताइए तो पूरा.
विधायक : कोई बात है क्या. बताइए ना.
एएसपी : हां बात है. एक उग्रवादी से बातचीत हुई है, इस मोबाइल नंबर से.
विधायक : किससे बात हुई है.
एएसपी : एक उग्रवादी से बात हुई है, इस नंबर से. पीए लोगों का नाम बता दीजिए आप.
विधायक : किससे बात हुई है. किससे बात हुई है? इस मोबाइल से. आपलोग हमको फंसा रहे हैं क्या? आप आइए.
एएसपी : पीए लोगों का नाम बता दीजिए.
विधायक : सुनिए ना हम फोन पर कुछ नहीं बोलेंगे. आप हमें बुलाइए. वहीं पर हम सब बात कर लेंगे.
एएसपी : नहीं, नहीं आपको नहीं. पीए लोगों का नाम बता दीजिए.
विधायक : अब हमको उग्रवादी बनाइयेगा क्या? अब हमको भी उग्रवादी बनाने का विचार है क्या ?
एएसपी : नहीं, नहीं. विचार तो नहीं है. अगर होगा, तो जरूर कार्रवाई होगी.
विधायक : आप लोग कंपनी का साथ दे रहे हैं. उग्रवादी को पालेंगे हम लोग? आप लोग हमको एरेस्ट करिए. हम उग्रवादी हैं ?
एएसपी : अपने निकल जायेगा, सब कुछ. अगर आपलोग… आप चिंता मत कीजिए.
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