इनमें 420 वैसे आंदोलनकारी हैं, जो विख्यात हैं.जयपाल सिंह मुंडा, एनइ होरो, सुनील महतो, शिबू सोरेन जैसे नाम इसमें शामिल है. अन्य लोगों की पहचान जेल के दस्तावेज हुई है. हालांकि अभी लगभग 55,660 आंदोलनकारियों की पहचान करना आयोग के लिए चुनौती है. वह भी तब जब अायोग का कार्यकाल 31 मई 2016 को समाप्त हो रहा है.
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प्रक्रिया: आंदोलनकािरयों की पहचान, आवेदन 58660, घोषित हो सके 2477
रांची : झारखंड अलग राज्य में आंदोलनकारी होने का दावा अब तक 58,660 लोग कर चुके हैं. उक्त आवेदन झारखंड वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग के पास आ चुके हैं. अब तक आयोग द्वारा 31,00 आंदोलनकारियों की सूची जारी की जा चुकी है, जिसमें 2,477 आंदोलनकारी के रूप में संपुष्ट हो चुके हैं. इनमें 420 वैसे […]
रांची : झारखंड अलग राज्य में आंदोलनकारी होने का दावा अब तक 58,660 लोग कर चुके हैं. उक्त आवेदन झारखंड वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग के पास आ चुके हैं. अब तक आयोग द्वारा 31,00 आंदोलनकारियों की सूची जारी की जा चुकी है, जिसमें 2,477 आंदोलनकारी के रूप में संपुष्ट हो चुके हैं.
नहीं मिल रहा है जिलों से सहयोग
झारखंड आंदोलनकारी मोरचा के संयोजक मुमताज खान ने बताया कि पूर्व में 36,660 आवेदन जिलों में जांच के लिए भेजे गये थे. जिलों के नोडल पदाधिकारियों ने कुछ आवेदनों की जांच की है और कुछ अभी भी लंबित है. जिसके चलते आयोग को वास्तविक आंदोलनकारी की पहचान सुनिश्चित करने में परेशानी हो रही है. आयोग ने 3,100 आंदोलनकारियों की सूची जारी की है, जिसमें 2,477 ही संपुष्ट हो चुके हैं. इनमें 700 को प्रमाण पत्र दे दिये गये हैं.
2012 में हुआ है आयोग का गठन
आयोग का गठन एक जून 2012 को किया गया था. तब से लेकर अब तक लगातार आवेदनों की जांच की जा रही है. आंदोनकारी मोरचा के संयोजक मुमताज खान बताते हैं कि सरकार को युद्धस्तर पर इस कार्य को लेना चाहिए. वहीं सीओ, बीडीओ से लेकर डीसी तक को निर्देश भेजा जाना चाहिए कि जल्द-से-जल्द आवेदन पर कार्रवाई करें और आयोग को वेरीफिकेशन कर सूची भेजे. समय कम है. सरकार पहल करे, तो हो सकता है. वहीं आयोग में भी मैनपावर बढ़ाने की जरूरत है, ताकि तेजी से काम हो सके.
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