27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गांवों में घर बनाने की भी अनुमति नहीं

रांची: झारखंड राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य सरकार किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं देती है. गांवों में घर तक बनाने के लिए ग्रामीणों को सरकार की ओर से स्वीकृति नहीं मिलती है. पूरे राज्य में केवल नगर निकायों के क्षेत्राधिकार में ही नक्शों को स्वीकृत किया जाता है. नगर निकायों से बाहर […]

रांची: झारखंड राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य सरकार किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं देती है. गांवों में घर तक बनाने के लिए ग्रामीणों को सरकार की ओर से स्वीकृति नहीं मिलती है. पूरे राज्य में केवल नगर निकायों के क्षेत्राधिकार में ही नक्शों को स्वीकृत किया जाता है.
नगर निकायों से बाहर पड़नेवाले इलाकों में किसी तरह का निर्माण सरकार की नजर में अवैध है. इस कारण से शहरों या कस्बों से सटे क्षेत्रों का विकास नहीं हो पा रहा है. सरकार की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण शहरों या कस्बों के पास प्रस्तावित टाउनशिप या बहुमंजिली इमारतों का निर्माण संभव नहीं हो पा रहा है. रांची के अलावा जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, सरायकेला-खरसावां समेत कई जिलों के मुख्य शहरों के आसपास निर्माण का प्रस्ताव लंबित हैं.
जीआरडीए को शक्ति दी फिर वापस ले लिया
वर्ष 2009 के अंतिम महीने में नगर विकास विभाग के सचिव का पद वर्तमान सचिव अरुण कुमार सिंह के ही पास था. उन्होंने ग्रेटर रांची डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीआरडीए) को निकाय क्षेत्रों से बाहर पड़नेवाले इलाकों में नक्शा स्वीकृति का अधिकार दिया था. उसके बाद राज्य भर से जीआरडीए में लगभग आधा दर्जन नक्शे स्वीकृति के लिए जमा किये गये. हालांकि जीआरडीए ने किसी भी नक्शे को स्वीकृत नहीं किया. इसके लगभग तीन महीने बाद ही नगर विकास विभाग ने जीआरडीए को दी गयी ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शा स्वीकृत करने की शक्ति वापस ले ली. उसके बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण की अनुमति के संबंध में अब तक कुछ नहीं किया गया है.
नक्शे की मांग करती है सरकारी एजेंसी
राज्य में शहरी निकायों से बाहर रहनेवाले लोगों को बैंकों से होम लोन भी नहीं मिल पा रहा है. बैंक लोन देने के लिए सरकारी एजेंसी द्वारा स्वीकृत नक्शे की मांग करते हैं. इस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. नक्शा स्वीकृत नहीं होने के कारण ग्रामीण बैंकों में होम लोन के लिए आवेदन नहीं दे पा रहे हैं. इसके अलावा सरकार कृषि योग्य भूमि का स्वभाव बदल जाने पर भी उसमें निर्माण की स्वीकृति नहीं दे रही है. इस कारण शहरी निकायों के क्षेत्र में भी कई नक्शों पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है. आरआरडीए और माडा जैसी एजेंसियों ने कई बार इस संबंध में नगर विकास विभाग से पत्राचार कर निर्देश मांगा है. हालांकि अब तक विभाग ने इस मामले पर अपना रुख साफ नहीं किया है.
बीडीओ-सीओ को निर्माण की स्वीकृति देने की मनाही
वर्ष 2009 के पूर्व तक ग्रामीण क्षेत्रों में बीडीओ या सीओ प्रस्तावित निर्माण के नक्शे की पावती (रीसिविंग) रख कर निर्माण की अनुमति देते थे. पावती की रसीद बैंकों में भी मान्य थी. उस रसीद के आधार पर बैंक लोन भी स्वीकृत कर देते थे. वर्ष 2009 में नगर विकास विभाग ने एक आदेश निकाल कर बीडीओ या सीओ से ली गयी पावती को अवैध घोषित कर दिया. उसके बाद से बीडीओ या सीओ द्वारा निर्माण की स्वीकृति बंद कर दी गयी. बैंकों ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में गृह निर्माण के लिए लोन पर अघोषित पाबंदी लगा दी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें