यह जानकारी रविवार को संवाददाता सम्मेलन में एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने दी. उनके साथ सिटी एसपी किशोर कौशल, कोतवाली एसपी अंशुमन कुमार व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. एसएसपी के अनुसार, घटना से तीन दिन पहले पहचान छिपा कर अभय ने राजू मंडल से दोस्ती की थी. बुलाकी साव की सूचना पर अभय ने राजू मंडल के अपहरण के बाद एक करोड़ की फिरौती वसूलने की योजना बनायी थी. बुलाकी साव पहले से राजू मंडल को पहचानता था. उसे राजू मंडल ने एकाउंटेंट की नौकरी पर रखने का वादा किया था, लेकिन बाद में दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया. इसके बाद वह इतना आक्रोशित हो उठा कि व्यवसायी को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाने लगा. इसी क्रम में उसने अभय को व्यवसायी राजू मंडल के बारे जानकारी दी और उसके अपहरण के बाद परिजनों से फिरौती मांगने को कहा. बुलाकी साव के कहने पर ही अभय ने अपहरण की योजना तैयार की और गिरोह में नये सदस्यों को शामिल कर 29 फरवरी को राजू मंडल का अपहरण कर लिया़ इसके बाद परिजनों से एक करोड़ की फिरौती मांगी.
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खुलासा: व्यवसायी राजू मंडल के परिजनों से अभय ने वसूले थे रुपये, लेकिन किसी को नहीं बताया, गिरोह के सदस्यों को गुमराह कर करायी हत्या
पंडरा के फ्रेंड्स कॉलोनी से अपहृत मार्बल व्यवसायी राजू मंडल की हत्या के पहले उनके परिजनों से फिरौती के रूप में अभय ने रुपये वसूले थे. फिरौती के रूप में रकम वसूलने के बाद अभय ने गिरोह के सदस्यों से कहा कि व्यवसायी के परिजन रुपये देना नहीं चाहते हैं. इसके बाद चार मार्च को […]
पंडरा के फ्रेंड्स कॉलोनी से अपहृत मार्बल व्यवसायी राजू मंडल की हत्या के पहले उनके परिजनों से फिरौती के रूप में अभय ने रुपये वसूले थे. फिरौती के रूप में रकम वसूलने के बाद अभय ने गिरोह के सदस्यों से कहा कि व्यवसायी के परिजन रुपये देना नहीं चाहते हैं. इसके बाद चार मार्च को राजू मंडल की हत्या कर दी गयी़ इस बात का खुलासा पुलिस के सामने पूछताछ में अभय ने किया है.
रांची: अभय की निशानदेही पर पुलिस ने अपहरण की घटना में शामिल बुलाकी साव, सूरज साव और चालक गोविंद राम को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने अपहरण की घटना में प्रयुक्त दो पिस्टल, दो गोली, चार बम और बोलेरो वाहन को बरामद कर लिया है. हथियार और बम चान्हो थाना क्षेत्र के चंडी स्थान से बरामद किये गये हैं. इस मामले में अलग से चान्हो थाना में केस दर्ज किया गया है.
यह जानकारी रविवार को संवाददाता सम्मेलन में एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने दी. उनके साथ सिटी एसपी किशोर कौशल, कोतवाली एसपी अंशुमन कुमार व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. एसएसपी के अनुसार, घटना से तीन दिन पहले पहचान छिपा कर अभय ने राजू मंडल से दोस्ती की थी. बुलाकी साव की सूचना पर अभय ने राजू मंडल के अपहरण के बाद एक करोड़ की फिरौती वसूलने की योजना बनायी थी. बुलाकी साव पहले से राजू मंडल को पहचानता था. उसे राजू मंडल ने एकाउंटेंट की नौकरी पर रखने का वादा किया था, लेकिन बाद में दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया. इसके बाद वह इतना आक्रोशित हो उठा कि व्यवसायी को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाने लगा. इसी क्रम में उसने अभय को व्यवसायी राजू मंडल के बारे जानकारी दी और उसके अपहरण के बाद परिजनों से फिरौती मांगने को कहा. बुलाकी साव के कहने पर ही अभय ने अपहरण की योजना तैयार की और गिरोह में नये सदस्यों को शामिल कर 29 फरवरी को राजू मंडल का अपहरण कर लिया़ इसके बाद परिजनों से एक करोड़ की फिरौती मांगी.
हत्या के बाद शव को टंडवा थाना क्षेत्र में फेंक दिया गया. पुलिस ने पांच मार्च को राजू का शव बरामद किया था. एसएसपी के अनुसार, अपहरण की घटना के बाद राजू मंडल को बालूमाथ तक ले जाने के दौरान बुलाकी साव भी साथ था. बुलाकी साव को इस बात का डर था कि अगर राजू मंडल बच गया, तब वह पकड़ा जायेगा. इसलिए उसने भी राजू मंडल को मरवाने में सहयोग किया.
पत्नी के साथ संबंध की बात बता कर पुलिस को किया गुमराह : पुलिस को जांच के दौरान आरोपियों ने यह भी बताया कि बुलाकी साव का संबंध राजू मंडल की पत्नी से था. इस वजह से उसने अभय का सहयोग लेकर राजू मंडल का अपहरण करवाने के बाद उसकी हत्या कर दी. वहीं, पुलिस का मानना है कि सिर्फ फिरौती के लिए राजू मंडल का अपहरण किया गया था. अभय फिरौती लेने के बाद भी किसी को मार देता है. इसलिए उसने राजू मंडल को मार दिया. हालांकि एसएसपी ने कहा कि फिरौती के रूप में कितने रुपये वसूले गये हैं. अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है. अपहरण की घटना में शामिल अभय के दो अन्य सहयोगियों की तलाश में छापामारी की जा रही है. अभय को रिमांड पर लेकर अन्य बिंदुओं पर गहराई से पूछताछ की जायेगी.
बिहार पुलिस को भी थी अभय की तलाश
एसएसपी ने बताया कि अभय के खिलाफ झारखंड राज्य के विभिन्न थानों में पहले से 13 मामले दर्ज हैं, जबकि सूरज साव के खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं. अभय ने वर्ष 2015 में गुमला से एक चिकित्सक का अपहरण किया था. चिकित्सक को मरीज देखने के नाम पर बुलाया गया था. बाद में उसने चिकित्सक के परिजनों से फिरौती मांगी. फिरौती वसूलने के बाद उसने गिरोह में शामिल दूसरे अपराधियों को बताया कि चिकित्सक के परिजन फिरौती देना नहीं चाहते हैं. इसके बाद चिकित्सक की हत्या करवा दी. अभय ने वर्ष 2015 में मुजफ्फरपुर के तरौड़ा गांव से गौरव कुमार का अपहरण फिरौती के लिए किया था. इस मामले में अभय की तलाश मुजफ्फरपुर पुलिस को थी.
शीघ्र सजा के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई
एसएसपी ने बताया कि अभय और उसके सहयोगियों को शीघ्र सजा मिल सके़ इसके लिए मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया जायेगा. अभय को फिर से कुछ बिंदुओं पर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जायेगा.
नक्सली संगठन का प्लाटून कमांडर रहते हुए अभय विभिन्न घटनाओं को दे चुका है अंजाम
अभय वर्ष 2003 में गढ़वा निवासी राजेंद्र पासवान के संपर्क में आया था. राजेंद्र पासवान का भाई पृथ्वी उर्फ सुमन तब उत्तरी गढ़वा माओवादी संगठन में जोनल कमांडर के पद पर था. पृथ्वी के संपर्क में आने के बाद अभय गढ़वा आया. अभय ने वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2011 तक नक्सलियों के लिए काम किया. उसे प्लाटून कमांडर का पद दिया गया. इस दौरान उसने विभिन्न घटनाओं को अंजाम दिया.
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