रांची: ज्ञान अाधारित इस युग में तकनीक का प्रयोग जरूरी है. सूचना तकनीक (आइटी) के जरिये हम विभिन्न तरह की सेवाएं लोगों तक पारदर्शी तरीके से पहुंचा सकते हैं, इसलिए यह क्षेत्र हमारी प्राथमिकता में है. जनता ने जो पावर हमें दिया है, उससे हम लोगों को इंपावर (सशक्त) करेंगे. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास […]
रांची: ज्ञान अाधारित इस युग में तकनीक का प्रयोग जरूरी है. सूचना तकनीक (आइटी) के जरिये हम विभिन्न तरह की सेवाएं लोगों तक पारदर्शी तरीके से पहुंचा सकते हैं, इसलिए यह क्षेत्र हमारी प्राथमिकता में है. जनता ने जो पावर हमें दिया है, उससे हम लोगों को इंपावर (सशक्त) करेंगे. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची विवि के आर्यभट्ट सभागार में कही. वह दैनिक अनुश्रवण योजना सह टैब वितरण समारोह में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम समाज कल्याण तथा अाइटी विभाग की ओर से आयोजित किया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं या नारी शक्ति से ही कोई भी परिवार, समाज या राष्ट्र सशक्त होता है. महिलाअों का उन्होंने आह्रान किया कि वे खुद को शक्तिशाली समझें. सीएम ने कहा कि कई बार आंगनबाड़ी के अौचित्य पर सवाल उठाये जाते हैं, पर मेरा मानना है कि पोषाहार व प्री-स्कूल की व्यवस्था वाले अांगनबाड़ी केंद्रों में राष्ट्र की पीढ़ी का निर्माण होता है. उन्होंने कहा कि हमारा राज्य अमीर है, पर यहां के लोग बहुत गरीब हैं. कुपोषण एक बड़ी समस्या है.
समाज कल्याण विभाग की जिम्मेवारी आधी आबादी के हाथ में : समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा कि इस विभाग की जिम्मेवारी आधी अाबादी के हाथ में है, यह जिम्मेवारी अाप ईमानदारी से निभाएं. उन्होंने कहा कि दैनिक अनुश्रवण योजना एक मार्च से शुरू होगी. सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि योजनाअों की जिम्मेवारी जब तक निचले स्तर तक नहीं होगी, कार्यक्रम सफल नहीं होगा. कांके विधायक डॉ जीतू चरण राम ने भी विचार व्यक्त किये. मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, राज्य पोषण मिशन की निदेशक मृदुला सिन्हा, आइटी सचिव सुनील वर्णवाल, समाज कल्याण सचिव विनय चौबे, झारखंड स्पेस एप्लिकेशन सेंटर के निदेशक सर्वेश सिंंघल, समाज कल्याण निदेशक रवींद्र कुमार सिंह व यूआइडी की उप निदेशक वंदना सहित सभी सीडीपीअो तथा आइसीडीएस की महिला पर्यवेक्षक उपस्थित थे.
क्या है दैनिक अनुश्रवण योजना
समाज कल्याण सचिव विनय चौबे ने बताया कि दैनिक अनुश्रवण (मॉनिटरिंग) प्रणाली से आंगनबाड़ी केंद्रों की सफलता सुनिश्चित होगी. 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित बच्चों की संख्या की जानकारी सेविका एसएमएस के माध्यम से मुख्यालय को देगी. मुख्यालय में यह डाटा संग्रह होगा.
इसका क्रॉस वेरिफिकेशन भी होगा. राज्य के करीब एक हजार सीडीपीअो तथा सुपरवाइजर को टैब दिया जा रहा है. वे हर रोज आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर वहां बच्चों की संख्या की जांच करेंगे. इसके अलावा संबंधित अांगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध अन्य सुविधाअों का जायजा लिया जायेगा. टैब से फोटो तथा जरूरत पड़े, तो वीडियो फुटेज बना कर इसे मुख्यालय को भेजा जायेगा, जहां रिपोर्ट की जांच तथा सिस्टम सुधारने का काम होगा.
इससे पहले सीडीपीअो तथा सुपरवाइजर को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा. एक मार्च से यह योजना रांची में तथा फिर पूरे राज्य में शुरू होगी. एक अप्रैल से दैनिक अनुश्रवण प्रणाली पूरी तरह संचालित हो जायेगी. आइटी सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि इसमें जीआइएस व जीपीएस सिस्टम का भी उपयोग होगा. टैब में लगे सिम के माध्यम से पर्यवेक्षिका कहां है, इसका पता भी चल जायेगा. वहीं अब बच्चे के जन्म के समय ही, उसे आधार नंबर देने की प्रक्रिया टैब की सहायता से शुरू हो जायेगी.