रांची: देश भर में नक्सली गतिविधियों में 15-20 प्रतिशत की कमी आयी है. देश में विकास के लिए सुरक्षा का माहौल जरूरी है. वर्ष 2015 में झारखंड में बढ़िया काम हुआ है. खुफिया एजेंसियां, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ ने मिल कर अच्छा काम किया है. उक्त बातें गृह मंत्रालय के वरीय सलाहकार के विजय कुमार ने शुक्रवार को पांच राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अफसरों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से कही.
उन्होंने कहा कि नक्सली राज्यों की सीमा क्षेत्र का फायदा उठाते हैं. बैठक में इंटरस्टेट बॉर्डर पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने की रणनीति तय की गयी है. के विजय कुमार ने कहा कि नक्सली सरेंडर कर देते हैं और गिरफ्तार होते हैं, तो यह अच्छी बात है. पर यदि आमने-सामने होते हैं, तो मारे जायेंगे. हम हर हाल में राज्य में शांति चाहते हैं. बैठक में झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय, ओड़िशा के डीजीपी कुंवर ब्रजेश सिंह, सीआरपीएफ के विशेष डीजी दुर्गा प्रसाद, आइजी सीआरपीएफ आरके मिश्रा, आइबी के संयुक्त निदेशक प्रवीण कुमार, आइजी ऑपरेशन बिहार सुशील एम खोपड़े, छत्तीसगढ़ पुलिस के आइजी टीजे लौंग कुमार, पश्चिम बंगाल पुलिस के आइजी अजय आनंद व ज्ञानवंत सिंह, राउरकेला के आइजी आरके शर्मा व आइजी डीएस कुट्टे, झारखंड के एडीजी अभियान एसएन प्रधान, एडीजी जैप रेजी डुंगडुंग, एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, आइजी बोकारो तदाशा मिश्र के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अन्य सीनियर अधिकारी उपस्थित थे.
हर माह चलेगा इंटर स्टेट ज्वाइंट ऑपरेशन : प्रधान
बैठक के उपरांत पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता एडीजी एसएन प्रधान ने कहा कि नक्सली नेता और दस्ता सीमा क्षेत्र का फायदा उठाते हैं. एक तरफ छिपते हैं और दूसरी तरफ कार्रवाई करते हैं. पिछले माह गुजरात के कच्छ में हुई डीजी कांफ्रेंस में यह तय हुआ है कि नक्सलियों को सीमा क्षेत्र का फायदा उठाने से रोका जाये. वर्ष 2009, 2010 और 2011 में भारत सरकार ने 11 इंटर स्टेट एरिया चिन्हित किया था. झारखंड पुलिस के जिम्मे पांच इलाके थे. इसके साथ ही इंटर स्टेट ज्वाइंट टॉस्क फोर्स का गठन किया गया था. ओड़िशा के साथ डीजीपी के स्तर से और बिहार के साथ सरकार के स्तर पर एमओयू हुआ था. ज्वाइंट टॉस्क फोर्स के दोनों राज्य के डीआइजी प्रमुख होते थे. तब कई अभियान चलाये गये थे. इसे फिर से शुरू किया गया है. बैठक में फैसला लिया गया है कि हर माह इंटर स्टेट ज्वाइंट टॉस्क फोर्स द्वारा अभियान चलाया जायेगा. एक नया दुमका-वीरभूम इंटर स्टेट ऑपरेशन एरिया बनाया गया है. हमने पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ पुलिस को एरिया की जानकारी दी है.
बैठक में राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने उन नक्सली नेताओं और दस्तों की सूची तैयार की, जो राज्यों की सीमा क्षेत्र में सक्रिय हैं. एक राज्य में कार्रवाई होने पर दूसरे राज्य में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे नक्सली नेताओं और दस्तों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अगले तीन माह और एक साल के लिए टारगेट तय किया गया है.
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी : डीजीपी
आतंकी संगठन अलकायदा से संपर्क रखने के मामले में जमशेदपुर निवासी अब्दुल समी की गिरफ्तारी और झारखंड में आतंकियों के नेटवर्क के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि कार्रवाई जारी है. झारखंड एटीएस कार्रवाई कर रही है. आतंकियों के जो मॉड्यूल हैं, उसे तोड़ा गया है. जो बचे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. डीजीपी ने अलकायदा के नेटवर्क और झारखंड में इसके दूसरे सदस्यों के बारे में जानकारी देने से इनकार किया. कहा कि अनुसंधान जारी है. सुरक्षा कारणों से अनुसंधान की विस्तृत जानकारी नहीं दी जा सकती.