रांची: शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि झारखंड में बेहतर शैक्षणिक और सांस्कृतिक माहौल ही राज्य को पहचान देगा. युवा सफलता की उड़ान भरें, पर अपनी जमीन न भूलें. झारखंडी परंपरा और अस्मिता को कभी न भूलें.
श्रीमती उरांव ने कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय कार्यक्रम नवरंग के उद्घाटन समारोह में ये बातें कही. यह कार्यक्रम विद्यार्थियों में सांस्कृतिक जागरूकता विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित हुआ है.
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित खेल विभाग के निदेशक ददन चौबे ने आयोजन को बेहतर भविष्य का संकेत बताया. कार्यक्रम के पहले दिन नृत्य एवं कोलाज प्रतियोगिता हुई. एकल नृत्य में 52 और समूह नृत्य में 15 दलों ने प्रस्तुति दी. रांची के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के अलावा आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से लगभग 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. कोलाज में 96 प्रतिभागियों ने शिरकत की. नृत्य प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली में रोजलिन लकड़ा, मालविका मुखर्जी, गार्गी मलकानी और राज रॉय थे. कोलाज प्रतियोगिता में विनोद रंजन व प्रवीण कर्मकार निर्णायक की भूमिका में थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ कमल कुमार बोस और समन्वय विपुल नायक ने किया. अतिथियों का स्वागत राज्य संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ शरफुद्दीन ने किया.