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नियमावली नहीं सुधरी, तो मैट्रिक परीक्षा का बहिष्कार
आंदोलन. झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने लिया निर्णय प्रथम चरण में जिला स्तर पर धरना देंगे शिक्षक सभी जिलों के शिक्षक उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन रांची : झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को रामलखन सिंह यादव उच्च विद्यालय सभागार में हुई़ बैठक में संघ के राज्य […]
आंदोलन. झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने लिया निर्णय
प्रथम चरण में जिला स्तर पर धरना देंगे शिक्षक
सभी जिलों के शिक्षक उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
रांची : झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को रामलखन सिंह यादव उच्च विद्यालय सभागार में हुई़ बैठक में संघ के राज्य भर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया़
इसमें माध्यिमक शिक्षकों की समस्याओं के समधान के लिए एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने की मांग सरकार से की गयी़ सेवा शर्त नियमावली 2015 में संशोधन नहीं होने पर शिक्षक 16 फरवरी से शुरू होनेवाली मैट्रिक व इंटरमीडिएट परीक्षा का बहिष्कार करेंगे़ साथ ही परीक्षा कार्य में किसी तरह का सहयोग नहीं करेंगे़
संघ के प्रदेश महामंत्री गंगा प्रसाद यादव ने बताया कि संघ की मुख्य मांगों में सेवा शर्त नियमावली 2015 में संशोधन, उत्क्रमित उच्च विद्यालय में नवनियुक्त शिक्षकों को जल्द वेतन भुगतान, अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षकों का निदेशालय स्तर पर लंबित सेवा अनुमोदन का कार्य जल्द करने, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करना शामिल है़ उन्होंने कहा कि 24 जनवरी को सभी जिला में संघ के जिला इकाई की बैठक होगी़ बैठक में सेवा शर्त नियमावली 2015 में सुधार के लिए उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा़
बैठक में गोवर्धन कुमार अधिकारी, वीरेंद्र पांडेय, कालीनाथ झा, बबीता दास, अरविंद कुमार सिंह, सत्यनारायण तिवारी, माेहन झा, धरणीधर महतो, जनार्दन प्रसाद सिंह, नंद गोपाल तिवारी, चरण चौधरी समेत राज्य भर के शिक्षक शामिल थे़
सेवा शर्त नियमावली की त्रुटियां
शिक्षक संघ के अनुसार नियमावली में कहा गया है कि राजकीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों पर यह नियमावली प्रभावी नहीं होगी. जबकि नयी सेवा शर्त नियमावली राजकीय विद्यालय के लिए भी है़
नियमावली में प्रधानाध्यापक मूल कोटि एवं प्रधानाध्यापक वरीय वेतनमान दोनों का ग्रेड पे एक रखा गया है़ नयी नियमावली के अधीन नियुक्त होनेवाले शिक्षक को एसीपी, एमसीपी का लाभ देय नहीं होगा़ नियमावली में दस वर्ष बाद शिक्षकों के स्थानांतरण को अनिवार्य किया गया है़ संघ ने उच्च विद्यालय शिक्षकों की सेवा संवर्ग पूर्व की भांति राज्य स्तरीय करने की मांग की है़
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