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विभागों के कम खर्च पर सीएम हुए नाराज

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार से विभागों के कामकाज की समीक्षा आरंभ कर दी है. विभागों द्वारा योजना मद में कम राशि खर्च किये जाने पर उन्होंने नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि जनता को योजना का लाभ मिले, इसके लिए समय पर योजना की स्वीकृति देनी और उसे पूरा करना जरूरी है. उन्होंने साफ […]

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार से विभागों के कामकाज की समीक्षा आरंभ कर दी है. विभागों द्वारा योजना मद में कम राशि खर्च किये जाने पर उन्होंने नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि जनता को योजना का लाभ मिले, इसके लिए समय पर योजना की स्वीकृति देनी और उसे पूरा करना जरूरी है. उन्होंने साफ कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारी दंडित किये जायेंगे. समीक्षा के क्रम में सीएम ने सोमवार को पथ निर्माण, कल्याण व श्रम विभाग की समीक्षा की.

पथ निर्माण विभाग: पथ निर्माण विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि सड़क विकास का पैमाना है. प्रत्येक गांव से राजधानी रांची तक पहुंच पथ सहज एवं सुविधाजनक होनी चाहिए. रांची से जमशेदपुर-बहरागोड़ा तक की सड़क की स्थिति अच्छी नहीं है. एनएचएआइ द्वारा उसकी मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने इस बाबत भारत सरकार को एक पत्र भेजने का भी निर्देश दिया.

कहा कि सड़क की मरम्मत से संबंधित डीपीआर तैयार कर कम अवधि में निविदा भी आमंत्रित की जाय. एनएचएआइ को इस संबंध में सूचित किया जाए कि निर्धारित समय में सड़क की मरम्मत करायी जाय अन्यथा सरकार अपने स्तर से सड़क बनवाने का कार्य करेगी. एनएचएआइ के प्रतिनिधि द्वारा 15 दिनों में पैच वर्क आरंभ करने की बात कही गयी, जिस पर सीएम ने कहा कि केवल पैच वर्क से स्थिति अच्छी नहीं हो सकती. सड़क चलने योग्य होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने विभिन्न सड़कों पर प्रस्तावित चेक पोस्ट के निर्माण को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया. पथ निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा ने बताया कि वर्तमान बजट की 45 प्रतिशत राशि व्यय हो चुकी है. बजट पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा एवं और अधिक राशि की आवश्यकता होगी. सीएसआर के तहत सीसीएल, बीसीसीएल जैसे संस्थानों को कुछ सड़क की जिम्मेवारी लेनी चाहिए. बैठक में सीएम के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, योजना विभाग के प्रधान सचिव डीके तिवारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

सड़कों का डाटा नहीं दे पाये अधिकारी
सीएम ने सड़कों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली. पूछा कि सड़कें कब बनी थीं और कब मरम्मत हुई थी, इसका जवाब ठीक तरीके से नहीं दिया गया. सीएम ने कहा कि विभाग के पास इस बात की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए कि इनकी मरम्मत कब-कब की गयी. विभाग को पांच सालों की योजना बनाकर काम करना चाहिए. सीएम ने सड़क पर पड़ने वाले भार के अनुसार टॉल टैक्स लगाने का सुझाव दिया. बैठक में मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि मार्च 2014 तक राज्य में नौ चेक पोस्ट की योजना है, जिसे समय पर पूरा कर लिया जाये.

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