रांची: शहर के लोगों में एडवेंचर टूरिज्म का क्रेज बढ़ा है. दिसंबर में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होनेवाले दो बड़े एडवेंचर टूरिज्म के आयोजन में भाग लेने के लिए झारखंड की टीमें रवाना होंगी. पहली टीम नेशनल ट्रैकिंग एक्सपीडिशन गोवा के लिए जायेगी. दूसरी टीम नेशनल हिमालयन विंटर ट्रैकिंग एक्सपीडिशन डलहौजी के लिए रवाना होगी. दोनों इवेंट यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित किये जा रहे हैं.
गोवा के लिए झारखंड की 60 सदस्यीय टीम 21 दिसंबर को रवाना होगी. यह अभियान नौ दिनों का होगा. इसमें ज्यादातर केंद्रीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शामिल होंगे. यह टीम गोवा के पणजी स्थित बेस कैंप से अपना ट्रैकिंग अभियान शुरू करेगी. इस दौरान सदस्यों को 73 किलोमीटर के ट्रैक पर चलना होगा. गोवा के सी बीच मोबोर से बेनालियम तक का लगभग दो दिन का सफर होगा. इसके बाद प्रतिभागी वेस्टर्न घाट के जंगलों में ट्रैकिंग करेंगे. यह क्षेत्र घने जंगलों, दूधसागर फॉल और किंग कोबरा के लिए प्रसिद्ध है. इस अभियान के दौरान प्रतिभागियों को सी बीच के किनारे एवं जंगलों में टेंट में ही रात गुजारनी होगी.
झारखंड की दूसरी टीम 30 दिसंबर को डलहौजी के लिए रवाना होगी. यह अभियान छह दिनों का होगा. गोवा के मुकाबले यह ज्यादा मुश्किल है. प्रतिभागियों को जीरो डिग्री के तापमान में पहाड़ों पर ट्रैकिंग करनी होगी. इस दौरान 35 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी. बर्फीले पहाड़ व बर्फबारी का सामना भी करना होगा. यहां प्रतिभागियों को ज्यादा मेहनत करनी होगी, क्योंकि ऊंचाई में सांस लेने में परेशानी होती है. यूथ हॉस्टल झारखंड के चेयरमैन शिवेंद्र दुबे ने कहा कि राज्य से हर वर्ष तीन से चार टीमें देश के विभिन्न ट्रैकिंग अभियानों में हिस्सा ले रही है. युवाओं में इसके प्रति रुचि बढ़ रही है.