मुख्य कार्यक्रम के बाद दिन के 11.20 बजे चार दिवसीय आनंद मेला का उदघाटन होगा. यहां 95 स्टॉल लगाये गये हैं. वाहिनी के 14 कंपनियों के पुलिसकर्मियों की अोर से भी स्टॉल लगाये जायेंगे, जहां कई व्यंजन उपलब्ध होंगे. बच्चे यहां झूले का भी अानंद ले सकते हैं. मेले के अवसर पर हर दिन शाम में छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. जिम्मी मॉडल ग्रुप की अोर से फैशन शो व कलाकृति स्कूल अॉफ आर्टस की अोर से चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. मेले में हाउजी का भी आयोजन होगा. अंतिम दिन आठ जनवरी को ग्रिस पोल व पीलो फाइटिंग प्रतियोगिताएं होंगी. उसके बाद विजयी प्रतिभागी को सम्मानित किया जायेगा. मेले में प्रवेश नि:शुल्क है. यह मेला दिन के दस बजे से रात 10 बजे तक चलेगा. पुलिस उपाधीक्षक सतीश चंद्र झा व बेंजामिन किंडों ने कहा कि सभी तैयारियां पूरी हो गयी है. सूबेदार मेजर प्रभाष क्षेत्री, एसोसिएशन के मंत्री शशिकांत क्षेत्री, सूरज कुमार, विकास तामांग, नारायण क्षेत्री, एस के सुब्बा, मनीष कुमार सहित तैयारी में जुटे
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जैप वन का स्थापना दिवस समारोह आज, आनंद मेले में बच्चे और बड़े उठायेंगे लुत्फ
रांची: झारखंड शस्त्र पुलिस बल प्रथम वाहिनी (जैप वन ) का स्थापना दिवस समारोह मंगलवार को मनाया जायेगा. इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. परेड ग्राउंड में दिन के 9.30 बजे से परेड का निरीक्षण किया जायेगा. वहीं दिन के 10 बजे मुख्य अतिथि डीजीपी डीके पांडेय शहीद स्मारक पर माल्यार्पण करेंगे. […]
रांची: झारखंड शस्त्र पुलिस बल प्रथम वाहिनी (जैप वन ) का स्थापना दिवस समारोह मंगलवार को मनाया जायेगा. इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. परेड ग्राउंड में दिन के 9.30 बजे से परेड का निरीक्षण किया जायेगा. वहीं दिन के 10 बजे मुख्य अतिथि डीजीपी डीके पांडेय शहीद स्मारक पर माल्यार्पण करेंगे. 10.15 बजे समादेष्टा अमोल वेणुकांत होमकर स्वागत भाषण देंगे और जैप के इतिहास पर प्रकाश डालेंगे. इसके बाद एडीजी रेजी डुंगडुंग वाहिनी को संबोधित करेंगे. इसके बाद मुख्य अतिथि का भाषण व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा.
मुख्य कार्यक्रम के बाद दिन के 11.20 बजे चार दिवसीय आनंद मेला का उदघाटन होगा. यहां 95 स्टॉल लगाये गये हैं. वाहिनी के 14 कंपनियों के पुलिसकर्मियों की अोर से भी स्टॉल लगाये जायेंगे, जहां कई व्यंजन उपलब्ध होंगे. बच्चे यहां झूले का भी अानंद ले सकते हैं. मेले के अवसर पर हर दिन शाम में छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. जिम्मी मॉडल ग्रुप की अोर से फैशन शो व कलाकृति स्कूल अॉफ आर्टस की अोर से चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. मेले में हाउजी का भी आयोजन होगा. अंतिम दिन आठ जनवरी को ग्रिस पोल व पीलो फाइटिंग प्रतियोगिताएं होंगी. उसके बाद विजयी प्रतिभागी को सम्मानित किया जायेगा. मेले में प्रवेश नि:शुल्क है. यह मेला दिन के दस बजे से रात 10 बजे तक चलेगा. पुलिस उपाधीक्षक सतीश चंद्र झा व बेंजामिन किंडों ने कहा कि सभी तैयारियां पूरी हो गयी है. सूबेदार मेजर प्रभाष क्षेत्री, एसोसिएशन के मंत्री शशिकांत क्षेत्री, सूरज कुमार, विकास तामांग, नारायण क्षेत्री, एस के सुब्बा, मनीष कुमार सहित तैयारी में जुटे
हुए हैं.
साहस के लिए जानी जाती है प्रथम वाहिनी
रांची: झारखंड सशस्त्र पुलिस प्रथम वाहिनी अदम्य साहस के लिए जानी जाती है. राज्य में वीआइपी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेवारी इनके पास है. वीआइपी लोग आज भी अपनी सुरक्षा में पहली प्राथमिकता इसी वाहिनी के जवान को देते हैं.
1880 में हुई वाहिनी की स्थापना
1880 में इस वाहिनी की स्थापना न्यू रिजर्व पुलिस फोर्स के नाम से हुई थी. 1905 में इस वाहिनी का नाम गोरखा मिलिट्री पुलिस रखा गया. इस वाहिनी को सेना के पैदल वाहिनी के तर्ज पर बनाया गया. 1902 और 1911 में दिल्ली दरबार में यहां के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गयी. इसके अलावा 1915 में बंगाल, 1917 में मयूरभंज, 1918 में सरगुजा, 1935 में पंजाब, 1951 में हैदराबाद, 1953 में जम्मू-कश्मीर, 1956 में नागालैंड, 1963 में देहरादून, 1968 में नेफा, 1969 में नेफा के प्रशिक्षण केंद्र, 1971 में त्रिपुरा,1982 में दिल्ली एशियाड खेल में भी वाहिनी के जवानों को तैनात किया गया था. देश की आजादी के बाद 1948 में इस वाहिनी का नाम बीएमपी वन किया गया. बंटवारे के बाद 15 नवंबर को इसका नाम बदल कर जैप वन किया गया. वाहिनी में एक समादेष्टा अमोल वेणुकांत होमकर, तीन डीएसपी, 15 सूबेदार, 80 सब-इंस्पेक्टर, 280 हवलदार, लगभग 1300 सिपाही के अलावा अन्य कर्मी हैं. वाहिनी के पास एके 47, इंसास राइफल, इवीजीएल सहित अत्याधुनिक हथियार हैं.
यहां के जवानों की मुख्य समस्या आवास की है. बैरक, अस्पताल आदि की भी समस्या है. जवानों के अनुसार यदि उनकी समस्याओं का समाधान और खेल मैदान को दुरुस्त कर दिया जाये, तो उनका मनोबल अौर बढ़ेगा.
बैंड व खेलकूद में भी नाम
इस वाहिनी की पहचान न सिर्फ सुरक्षा, बल्कि अपनी अलग बैंड के लिए भी है. देश के अधिकतर जगहों पर बड़े समारोह में यहां के बैंड की मांग होती है. यहां की बैंड ने अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगिता भी जीती है. 2014 में वाहिनी की बैंड को आरपीएफ की ओर से आयोजित बैंड प्रतियोगिता में दूसरा स्थान मिला है. वाहिनी के जवान फुटबॉल समेत अन्य खेलों में भी अपनी पहचान बना चुके हैं.
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