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20 वर्षों से हस्तशिल्प प्रशिक्षण केंद्र बंद
रांची : आदिवासियों खासकर एसटी महिलाओं को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण देनेवाला केेंद्र 20 वर्षों से भी अधिक समय से बंद है. टाटीसिलवे रियाडा एरिया के फेज दो स्थित इस केंद्र के पास लगभग एक एकड़ जमीन व भवन है, जो देखरेख के अभाव में खस्ताहाल पड़ा है. दरअसल यह कल्याण विभाग का अंग है, जिसका […]
रांची : आदिवासियों खासकर एसटी महिलाओं को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण देनेवाला केेंद्र 20 वर्षों से भी अधिक समय से बंद है. टाटीसिलवे रियाडा एरिया के फेज दो स्थित इस केंद्र के पास लगभग एक एकड़ जमीन व भवन है, जो देखरेख के अभाव में खस्ताहाल पड़ा है. दरअसल यह कल्याण विभाग का अंग है, जिसका संचालन आदिवासी सहकारी विकास निगम (टीसीडीसी) के जिम्मे है.
क्या होता था
इस केेंद्र में महिलाओं को हस्तशिल्प, जूट शिल्प व बांस शिल्प का प्रशिक्षण दिया जाता था. वहीं लघु वनोपज जैसे अरंडी सहित अन्य बीजों से तेल निकाल कर इसकी बिक्री खुले बाजार में की जाती थी. ये सारे काम बंद हो गये. बिहार के समय ही निर्मित इस शिल्प प्रशिक्षण केेंद्र को केेंद्र सरकार के जरिये भी योजनाएं मिलती थी.
क्यों बंद हुआ
सरकार ने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया. फलस्वरूप केेंद्र सरकार से मिलनेवाली सहायता भी बंद हो गयी. केेंद्र में सुरक्षा का काम करनेवाले लोग अपने परिवार के साथ यहीं बस गये हैं, जिससे कम से कम यहां चोरी नहीं हो रही है. कल्याण विभाग के एक अधिकारी के अनुसार बिहार के समय ही खुले इस केेंद्र सहित कई अन्य योजनाएं भी टीसीडीसी के जिम्मे आ गयी, जिससे हर एक पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा सका है.
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