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50 से अधिक कर्मी होने पर ही होगा लागू
झारखंड सरकार ने ठेका मजदूर अधिनियम 1970 में किया संशोधन रांची : झारखंड सरकार ने ठेका मजदूर अधिनियम 1970 में संशोधन कर दिया है. अब ठेका मजदूर (विनियमन एवं उन्मूलन) झारखंड संशोधन विधेयक, 2015 के नाम से जाना जायेगा. अब 20 की जगह 50 श्रमिकों के नियोजन पर ही कंपनियों, कारखानों में यह अधिनियम लागू […]
झारखंड सरकार ने ठेका मजदूर अधिनियम 1970 में किया संशोधन
रांची : झारखंड सरकार ने ठेका मजदूर अधिनियम 1970 में संशोधन कर दिया है. अब ठेका मजदूर (विनियमन एवं उन्मूलन) झारखंड संशोधन विधेयक, 2015 के नाम से जाना जायेगा. अब 20 की जगह 50 श्रमिकों के नियोजन पर ही कंपनियों, कारखानों में यह अधिनियम लागू होगा.
पहले 20 कामगारों को नौकरी देनेवाले कारखाने, संस्थान में यह अधिनियम लागू था. सरकार की दलील यह है कि सुक्ष्म, लघु इकाई में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे. सरकार ने इसके कई और पहलुओं में संशोधन किया है. सरकार के अनुसार किसी भी कारखाने, संस्थान में जहां एक वर्ष तक 50 कामगार ठेका श्रमिक के रूप में काम करेंगे, वही इसके दायरे में आयेंगे. 50 से कम ठेका श्रमिकों के नियोजन पर यह कानून लागू नहीं होगा. सरकार की तरफ से इसके लिए कोर और नन कोर सेक्टर के रूप में कार्य को परिभाषित किया गया है.
500 रुपये मासिक या इससे अधिक पानेवालों को इसमें शामिल किया गया है. ठेका श्रमिक अधिनियम में सुपरवाइजर कैडर को भी शामिल किया गया है. इसमें 18 हजार रुपये तक का मानदेय पानेवाले सुपरवाइजर को केंद्र सरकार के पेमेंट एंड वेजेज एक्ट के तहत सुविधाएं देय होंगी. श्रम नियोजन, प्रशिक्षण विभाग की तरफ से अधिनियम में यह कहा गया है कि ठेका मजदूर अधिनियम के तहत कामगारों के लिए काम की समय-सीमा तय कर दी गयी है. इसके अंतर्गत मूल नियोजक पूर्णकालिक मजदूरों की जगह इनकी सेवाएं ले सकते हैं.
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