रांची: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत झारखंड के ग्रामीण इलाकों में काम कराने के लिए ठेकेदार नहीं मिलने पर केंद्र सरकार ने चिंता जतायी है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एलसी गोयल ने कहा कि झारखंड में इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान (आइएपी) के तहत चयनित कई जिलों में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हंै. केंद्र इससे अवगत है. इसका कैसे समाधान हो सकता है, इस पर विचार हो रहा है. कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा ठेकेदारों को राज्य में सम्माहित किया जाये. इंजीनियरों की क्षमता बढ़ाने पर भी सरकार विचार कर रही है. उम्मीद है इस दिशा में जल्द ही कोई निर्णय हो पायेगा. श्री गोयल शुक्रवार को कांके रोड स्थित होली डे होम में पीएमजीएसवाइ की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे
नयी तकनीकी पर विचार कर रही सरकार : मंत्रालय के ग्रामीण सड़क विभाग के प्रभारी राजेश भूषण ने बताया कि ग्रामीण सड़कों को मजबूत बनाने के लिए नयी तकनीक अपनाने पर विचार किया जा रहा है. सरकार जूट टेक्सटाइल, नारियल का रेसा आदि का प्रयोग भी सड़कों के निर्माण में करने पर विचार कर रही है. इससे दलदल वाले इलाके में बेहतरीन सड़क बनायी जा सकती है. बिना अलकतरा उबाले भी सड़क में प्रयोग की तकनीक पर भी काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता बनाये रखने की जिम्मेदारी एजेंसियों की है. पंजाब, हरियाणा और आंध्र जैसे राज्यों में ग्रामीण सड़कों पर अच्छा काम हो रहा है. बिहार, प बंगाल जैसे राज्यों में काम ठीक नहीं होने के कारण कठिनाई हो रही है.