रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग विभाग की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों की जमीन का मूल्य निर्धारित करने के लिए नियम बनाया गया है. इसके तहत निदेशक मंडल द्वारा हर साल जमीन का मूल्य तय किया जाना है. बियाडा के दस्तावेज की जांच में पाया गया कि वर्ष 2009-10,2010-11 और 2011-12 के लिए जमीन का मूल्य निर्धारित करते हुए इसे निदेशक मंडल की अगली बैठक में पेश करने का फैसला किया गया.
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अफसरों की गलती से 16 करोड़ का नुकसान
रांची: बोकारो औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकार(बियाडा) के अधिकारियों ने जमीन आवंटन के मामले में अपने ही फैसले को नहीं माना. इससे 16 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. बियाडा में जमीन आवंटन मामले की जांच के बाद प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है. रिपोर्ट में […]
रांची: बोकारो औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकार(बियाडा) के अधिकारियों ने जमीन आवंटन के मामले में अपने ही फैसले को नहीं माना. इससे 16 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. बियाडा में जमीन आवंटन मामले की जांच के बाद प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग विभाग की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों की जमीन का मूल्य निर्धारित करने के लिए नियम बनाया गया है. इसके तहत निदेशक मंडल द्वारा हर साल जमीन का मूल्य तय किया जाना है. बियाडा के दस्तावेज की जांच में पाया गया कि वर्ष 2009-10,2010-11 और 2011-12 के लिए जमीन का मूल्य निर्धारित करते हुए इसे निदेशक मंडल की अगली बैठक में पेश करने का फैसला किया गया.
बाजार मूल्य से कम नहीं हो औद्योगिक क्षेत्र की जमीन
जून 2011 को हुई निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला किया गया था कि औद्योगिक क्षेत्र की जमीन का मूल्य बाजार मूल्य से कम नहीं होगा. औद्योगिक क्षेत्र की जमीन का मूल्य निर्धारित करने के लिए निबंधन कार्यालय के रेट को आधार का फैसला किया गया. निदेशक मंडल की बैठक में मूल्य निर्धारित होने के पहले ही वर्ष 2009 और 2010 में जमीन का आवंटन किया गया था.
एेसे आवंटियों के मामले में यह शर्त लगायी गयी थी कि निदेशक मंडल द्वारा दर निर्धारित किये जाने के बाद आवंटियों से अंतर की राशि बाद में वसूली जायेगी. इसलिए बांड में तदर्थ मूल्य की बात दर्ज की गयी थी. हालांकि मूल्य निर्धारित होने के बाद आवंटियों से अंतर की राशि वसूलने की कार्रवाई नहीं की गयी. इससे 16 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. बियाडा की ओर से दिये गये जवाब को पीएजी ने असंतोषप्रद बताते हुए इसकी जानकारी सरकार को दी है.
नहीं वसूली गयी अंतर की राशि
औद्योगिक इकाई राशि
ओंकार नाथ एंड संस 3.88
शिवा इलेक्ट्रिकल कंपनी 7.76
शर्मा फुड्स 2.39
नागेश्वर सिंह मेडीलैब 12.65
स्काइ लाइन कॉरपोरेशन 8.43
दिग्विजय फेरोमेट 134.93
काली पेपर लिमिटेड 126.23
कॉसमिक इंटरप्राइजेज 8.43
कुमार मिनरल्स 16.86
जयश्री रबर प्रोडक्शल 54.11
औद्योगिक इकाई राशि
जीआर एक्सपोर्ट 13.52
ज्ञानती इक्विपमेंट 53.23
प्राइड इंडस्ट्रीड 6.45
शिवा इंडस्ट्रीज 16.13
श्रीराम एलॉय 64.54
हनुमान पैकेज 34.03
गायत्री फुड एंड स्पाइसेज 27.29
महाबीर इंडस्ट्रीज 18.08
श्री श्याम उद्योग 13.85
राशि लाख रुपये में
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