रांची: झारखंड में व्याख्याता (सहायक प्राध्यापक) की नियुक्ति में पीएचडीधारी को शामिल करने पर अब तक संशय बना हुआ है. झारखंड राज्य विवि (संशोधन) अध्यादेश में स्पष्ट कहा गया है कि नियुक्ति साक्षात्कार में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(नेट) उत्तीर्ण उम्मीदवार शामिल होंगे. इसके अलावा झारखंड लोक सेवा आयोग यूजीसी की गाइडलाइन पर प्रत्येक वर्ष झारखंड पात्रता […]
रांची: झारखंड में व्याख्याता (सहायक प्राध्यापक) की नियुक्ति में पीएचडीधारी को शामिल करने पर अब तक संशय बना हुआ है. झारखंड राज्य विवि (संशोधन) अध्यादेश में स्पष्ट कहा गया है कि नियुक्ति साक्षात्कार में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(नेट) उत्तीर्ण उम्मीदवार शामिल होंगे. इसके अलावा झारखंड लोक सेवा आयोग यूजीसी की गाइडलाइन पर प्रत्येक वर्ष झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) (यूजीसी से स्वीकृति मिलने पर) का भी आयोजन कर सकता है.
इसमें उत्तीर्ण उम्मीदवार को सीधे साक्षात्कार में शामिल किया जा सकता है. संशोधन अध्यादेश/विधेयक में कहा गया है कि पूर्व में बने नियम के अनुसार व्याख्याता नियुक्ति में 31 दिसंबर 1993 तक पीएचडी उपाधि प्राप्त अौर 31 दिसंबर 1992 तक एफफिल की उपाधि प्राप्त करनेवाले उम्मीदवार साक्षात्कार में शामिल हो सकते हैंं.
नये अध्यादेश में जो संशोधन किया गया है, उसमें पीएचडीधारी के लिए किसी प्रकार का कोई जिक्र नहीं किया है. इसमें सिर्फ आयोग को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा या झारखंड पात्रता परीक्षा के आधार पर साक्षात्कार लेकर विवि/अंगीभूत महाविद्यालयों द्वारा अधिसूचित रिक्तियों के विरुद्ध विषयवार मेधा योग्यता सूची की अनुशंसा संबंधित विवि को करने के लिए कहा गया है. नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन अनिवार्य किया गया है.
वर्ष 2008 की नियुक्ति में पीएचडीधारी शामिल हुए थे
राज्य में वर्ष 2008 में व्याख्याता के लिए नेट/जेट के अलावा पीएचडी धारी को भी नियुक्ति साक्षात्कार में शामिल किया गया था. इसमें काफी संख्या में उम्मीदवार शामिल हुए. बिहार में यूजीसी के वर्ष 2009 की गाइडलाइन के आधार पर ही पीएचडी डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों को व्याख्याता नियुक्ति में शामिल करने का निर्णय लिया है. बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2009 के कट अॉफ डेट को लेकर अभी भी विवाद चल रहा है.
नियुक्ति के समय स्थिति बदलेगी : निदेशक
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन अोझा का कहना है कि जेपीएससी द्वारा व्याख्याता नियुक्ति के समय स्थिति बदलेगी. सरकार यूजीसी व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में ही पीएचडीधारी को साक्षात्कार में शामिल करने पर निर्णय ले सकेगी. जेपीएससी द्वारा नियुक्ति के समय नेट के साथ-साथ जेट के आयोजन व पीएचडीधारी को कैसे शामिल करना है, इस पर विचार कर निर्णय लिया जायेगा. सरकार ने अभी संशोधित अध्यादेश की स्वीकृति दी है. अब इस पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.