रांची : लोहरदगा उपचुनाव का परिणाम झारखंड की राजनीति पर असर डालेगा़ खास कर यूपीए फोल्डर की तसवीर साफ होगी़ लोहरदगा उपुचनाव में बिहार के महागंठबंधन का खाका नहीं चला़ यूपीए के पुराने साथी खुल कर कांग्रेस के साथ नहीं आये़ कोई चुनावी गंठबंधन नहीं बना़ हालांकि झामुमो ने उम्मीदवार नहीं दिये, लेकिन अंत तक […]
रांची : लोहरदगा उपचुनाव का परिणाम झारखंड की राजनीति पर असर डालेगा़ खास कर यूपीए फोल्डर की तसवीर साफ होगी़ लोहरदगा उपुचनाव में बिहार के महागंठबंधन का खाका नहीं चला़ यूपीए के पुराने साथी खुल कर कांग्रेस के साथ नहीं आये़ कोई चुनावी गंठबंधन नहीं बना़
हालांकि झामुमो ने उम्मीदवार नहीं दिये, लेकिन अंत तक किसी के समर्थन की घोषणा नहीं की़ वहीं राजद-जदयू ने भी चुनाव से अपने को किनारे रखा़
राजद के प्रदेश नेता पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के फैसले का इंतजार ही करते रह गये़ इन दलों का समर्थन हासिल करने की कांग्रेस की रणनीति काम नहीं आयी़ उधर झाविमो ने यूपीए फोल्डर में एक नया कोण बनाने का प्रयास किया है़ हाल के दिनों में राजद-जदयू के साथ दोस्ती बढ़ायी है़
जदयू नेता नीतीश कुमार की बाबूलाल मरांडी से नजदीकी बतायी जाती है़ लोहरदगा उपचुनाव से पहले झाविमो ने राजद-जदयू के नेताओं से बात कर इन दलों के तटस्थ रहने की भूमिका का प्लॉट तैयार कर लिया था़ लोहरदगा उपुचनाव का परिणाम यूपीए के अंदर आने वाले दिनों में गंठबंधन का संकेत देगा़ उपचुनाव में कांग्रेस-झाविमो में जो भारी पड़ेगा, वह यूपीए की राजनीति में असर डालेगा़
जनवरी में झामुमो के साथ कांग्रेस करेगी बात
कांग्रेस का झामुमो के साथ पुराना रिश्ता है़ कांग्रेसी झामुमो को अपना नेचुरल एलायंस बताते है़ं लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों दलों की दोस्ती में गांठ पड़ गयी़ अकेले-अकेले चुनाव लड़े़ इसी प्रतिक्रिया में झामुमो ने लोहरदगा उपचुनाव में खुल कर कांग्रेस का साथ नहीं दिया़
इधर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि कांग्रेस झामुमो के साथ मिल कर भाजपा के खिलाफ संघर्ष में कूदेगी़ जनवरी में कांग्रेस के नेता झामुमो से बात करेंगे़ दोनों दल मिल कर कोऑर्डिनेशन कमेटी बना सकते है़ं हेमंत सोरेन के हाथ इसकी बागडोर दी जा सकती है़