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खाद्य सुरक्षा के साथ जुड़ गयी है राष्ट्र सुरक्षा : सिन्हा

रांची: भारत सरकार के कृषि विभाग के संयुक्त सचिव आरबी सिन्हा ने कहा है कि वातावरण में जो बदलाव हो रहा है, यह आगे भी जारी रहेगा. देश में जमीन उतनी ही है, जितनी पहले थी. जनसंख्या बढ़ रही है. देश के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा जरूरी है. देश की खाद्य सुरक्षा अब राष्ट्रीय […]

रांची: भारत सरकार के कृषि विभाग के संयुक्त सचिव आरबी सिन्हा ने कहा है कि वातावरण में जो बदलाव हो रहा है, यह आगे भी जारी रहेगा. देश में जमीन उतनी ही है, जितनी पहले थी. जनसंख्या बढ़ रही है. देश के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा जरूरी है.

देश की खाद्य सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ गयी है. देश नहीं चाहता है कि हम विदेशों से खाद्यान्न लाकर देश को लोगों को खिलाएं. खाद्यान्न सुरक्षा के लिए कई प्रयास हो रहे हैं. इसका फायदा भी दिख रहा है. श्री सिन्हा सोमवार को कांके रोड स्थित समेति सभागार में क्लाइमेट चेंज नॉलेज नेटवर्क इन इंडियन एग्रीकल्चर (सीसीकेएन-आइए) विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे.

विभागीय सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि यह योजना जमीन पर उतरे यह भी सुनिश्चित करना है. विभागीय निदेशक केके सोन ने इस योजना को कॉमन सर्विस सेंटर और एनइजीपी से जोड़ने की बात भी कही.

जर्मन इंटरनेशनल डेवलपमेंट (जीआइजेड) के कार्यक्रम निदेशक डॉ हंसजोर्ग न्यून ने कहा कि किसानों तक सूचना पहुंचाना जरूरी है. इस मौके पर बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा, समिती के निदेशक डॉ जटाशंकर चौधरी भी मौजूद थे. अतिथियों का स्वागत उप निदेशक अशोक कुमार सिन्हा तथा धन्यवाद ज्ञापन सहायक निदेशक मिथिलेश कुमार कालिंदी ने की.

28 प्रखंडों में चलेगी एनएमएसए योजना
संयुक्त सचिव एसबी सिन्हा ने कहा कि 28 प्रखंडों में नेशनल मिशन ऑन सस्टनेबल एग्रीकल्चर (एनएमएसए) चलाने की योजना है. इसका लाभ भारत सरकार की शर्तो को पूरा करनेवाले पहले आनेवाले राज्यों को मिलेगा. इसके लिए प्रखंड की विस्तृत जानकारी भारत सरकार को देनी है. अगले साल पांच साल के लिए योजना चलेगी. भारत सरकार 10-10 करोड़ रुपये प्रति प्रखंड देगी. योजना का संचालन एक एजेंसी से चलाया जाना है. वह निजी या सरकारी भी हो सकता है. शर्त यह है कि राज्य सरकार आइडब्ल्यूएपी और नरेगा की राशि भी सीधे उसी एजेंसी को देगी. इसके लिए राज्य सरकार को एक आदेश निकालना होगा. कृषि मॉडल प्रखंड के रूप में उसको विकसित किया जायेगा.

चार प्रखंडों में चलेगा कार्यक्रम
उप निदेशक श्री सिन्हा ने बताया कि राज्य के दो जिलों को चार प्रखंडों में यह कार्यक्रम चलेगा. रांची में ओरमांझी व अनगड़ा तथा पूर्वी सिंहभूम में पटमदा और बड़ाम को शामिल किया गया है. दोनों प्रखंडों में कृषि व उससे जुड़ी सभी एजेंसियों को शामिल कर किसानों को समृद्ध किया जायेगा.

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