रांचीः राज्य के गरीबों के लिए बने विलेज ग्रेन बैंक (ग्रामीण अन्न कोष) का चावल अब तक गायब है. हकीकत यह भी है कि ग्रेन बैंक का संचालन प्रत्यक्ष रूप से शुरू नहीं हुआ. इधर, इसे दो वर्ष पहले आवंटित 19678 क्विंटल चावल का पता नहीं चल रहा. कुल 583 ग्रेन बैंक के लिए दिये गये चावल के गायब होने की खबर प्रभात खबर में छपी थी. खुले बाजार में इसकी कीमत लगभग दो करोड़ रुपए आंकी गयी है.
खबर प्रकाशित होने के बाद राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के प्रबंध निदेशक बालेश्वर सिंह ने चावल की खोजबीन शुरू की, तब पता चला कि रांची व कोडरमा जिले को छोड़ राज्य भर के शेष जिलों को 19,678 क्विंटल चावल दिये गये हैं. संबंधित जिला प्रशासन को यह चावल निर्गत किये गये थे. गायब चावल का पता तो चला, लेकिन इसकी रिकवरी पर कोई सक्रियता नहीं दिख रही है.