सीएम के आदेश के बावजूद 22 वर्षों में नहीं मिली नौकरीमामला झरिया में भगदड़ में हुई मौत कालालू से होते हुए रघुवर तक पहुंचा मामलामुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में आये 20 मामलों की समीक्षावरीय संवाददाता, रांचीझरिया भगदड़ा में मारे गये 25 लोगों के आश्रित पिछले 22 वर्षों से सरकारी नौकरी मिलने की बाट जोह रहे हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से होते हुए यह मामला अब मुख्यमंत्री रघुवर दास तक पहुंच गया है. इस दौरान कई मुख्यमंत्री बिहार व झारखंड में बने, पर आश्रितों की नौकरी की आस पूरी नहीं हो सकी. अब मामला वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास पहुंचा है. मुख्यमंत्री द्वारा आरंभ किये मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में यह मामला आया है. सूचना भवन में जनसंवाद केंद्र में आये मामलों की समीक्षा मुख्यमंत्री सचिवालय के संयुक्त सचिव प्रमोद तिवारी कर रहे थे. धनबाद के झरिया में 25 अक्तूबर 1992 को पटाखा अग्निकांड के मृतकों के आश्रितों को सरकारी आदेश के बावजूद पिछले 22 वर्षों से नौकरी नहीं मिलने का मामला भी समीक्षा बैठक में रखा गया. शिकायत थी कि वर्ष 1992 में दीपावली के दिन झरिया बाजार में पटाखों की बिक्री के दौरान दुकान में आग लग गयी थी और भगदड़ मचने के कारण 25 लोगों की मौत हो गयी थी. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने पीड़ितों के परिवार वालों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा तथा एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी. घटना के छह साल बाद मुआवजा तो मिला था, लेकिन नौकरी किसी को नहीं मिली. इस पर संयुक्त सचिव श्री तिवारी ने मामले को मुख्यमंत्री सचिवालय भेजने का निर्देश दिया. अभी तक इस प्रकरण में पटना से ही पत्राचार हो रहा था. चूंकि मामला एकीकृत बिहार का था, इसलिए इस प्रकरण में झारखंड गठन के बाद कोई खास पहल भी नहीं हुई थी. अब इस मामले में राज्य सरकार की ओर से पीड़ितों के आश्रितों को नौकरी दिलाने की पहल होगी. बीडीओ-मुखिया ने 2.70 लाख की गलत निकासी कीजामताड़ा के करमाटांड स्थित कुर्वा गांव में जल ही जीवन है योजना के तहत बीडीओ और मुखिया ने मिलीभगत कर 2.70 लाख रुपये की निकासी कर ली. पंद्रह साल पहले जो कूप बना था, उसकी मरम्मत के नाम पर यह राशि निकाली गयी. जामताड़ा अपर समाहर्ता की जांच में इस बात की पुष्टि हो गयी है कि रोजगार सेवक एहसानुल हक, बीडीओ प्रभाकर मिर्धा और पंचायत के मुखिया हेमलाल मुर्मू की मिलीभगत से यह राशि गलत तरीके से निकाली गयी. संयुक्त सचिव ने उक्त मामले में दो दिनों के भीतर उपायुक्त के माध्यम से परिपत्र गठित करने का निर्देश दिया. जामताड़ा के नोडल अफसर अभय कुमार सिंह को निर्देश दिया गया है कि वे दो दिनों के भीतर उपायुक्त द्वारा की गयी कार्रवाई से मुख्यमंत्री सचिवालय को अवगत करायें. समीक्षा बैठक में एक मजदूर की पत्नी से बलात्कार का मामला आया, जिसमें कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. बैठक में कुल 20 मामलों की समीक्षा की गयी.
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सीएम के आदेश के बावजूद 22 वर्षों में नहीं मिली नौकरी
सीएम के आदेश के बावजूद 22 वर्षों में नहीं मिली नौकरीमामला झरिया में भगदड़ में हुई मौत कालालू से होते हुए रघुवर तक पहुंचा मामलामुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में आये 20 मामलों की समीक्षावरीय संवाददाता, रांचीझरिया भगदड़ा में मारे गये 25 लोगों के आश्रित पिछले 22 वर्षों से सरकारी नौकरी मिलने की बाट जोह रहे […]
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