उसके नौकर दीनू और हत्या के नामजद अभियुक्ति वंश नारायण सिंह और उनके दोनों बेटों के तलाश में भी छापेमारी की. हत्याकांड का नामजद अभियुक्त भी घर में नहीं मिला. वंश नारायण सिंह पर पहले से मोहनिया थाने में दर्ज केस के बारे में भी इंस्पेक्टर ने जानकारी ली. पुलिस को पता चला कि वंश नारायण सिंह का अपने रिश्तेदार के साथ झगड़ा हुआ था, जिसमें वंश नारायण सिंह सहित उनके सात रिश्तेदार पर केस दर्ज हुआ था. पुलिस सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर चुकी है.
पुलिस को अनुसंधान के दौरान यह भी जानकारी मिली थी घटना के दिन वंश नारायण सिंह रांची में नहीं थे. वंश नारायण सिंह ने बताया था कि वे घटना के दिन भभुआ स्थित डिग्री कॉलेज में थे. पुलिस को यह भी पता चला था कि वंश नारायण सिंह का एक पुत्र घटना के दिन परीक्षा दे रहा था, जबकि दूसरा बेटा एक शॉपिंग मॉल में खरीदारी कर रहा था. इस बात के सत्यापन के लिए पुलिस की टीम कॉलेज और मॉल भी पहुंची, तब पुलिस को पता चला कि वंश नारायण सिंह डिग्री कॉलेज में राजनीतिशास्त्र के शिक्षक हैं. घटना के दिन वे कॉलेज में थे या नहीं, इसे लेकर कॉलेज प्रबंधन से लिखित जानकारी मांगी है. साथ ही मॉल संचालक से वीडियो फुटेज उपलब्ध कराने को कहा गया है. साक्ष्य मिलने पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
उल्लेखनीय है कि घटना को लेकर राणा प्रताप सिंह ने अमर सिंह, वंश नारायण सिंह सहित पांच नामजद के अलावा दो अज्ञात पर केस दर्ज कराया था. पुलिस को अनुसंधान के दौरान जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार घटना में अमर सिंह के अलावा तीन अन्य लोग शामिल थे. पुलिस अमर सिंह और उसके चालक को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. केस के संबंध में जानकारी लेने धुर्वा थाना पहुंचे जिस गुड्डू सिंह की पहचान राणा प्रताप सिंह ने हमलावर के रूप में की थी, पुलिस उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.