श्री दास ने कहा कि झारखंड से चेक गणराज्य का संबंध 60 के दशक से एचइसी के माध्यम से है. यह संबंध और प्रगाढ़ होना चाहिए. एचइसी को बढ़ाने के लिए तकनीकी और वित्तीय सहयोग की उम्मीद करते हैं. सीएम ने बताया कि चतरा में एशिया की सबसे बड़ी ओपन कोल माइंस शुरू हो गयी है. चेक अच्छा माइनिंग उपकरण उपलब्ध कराने में सहयोग कर सकता है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम व मोनो रेल स्थापित करने में सहयोग कर सकता है. सरकार दुनिया की नवीनतम तकनीक से युक्त आधारभूत संरचना का निर्माण प्रतिस्पर्द्धात्मक दर पर करना चाहती है. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे चेक गणराज्य के इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड के डिप्टी मिनिस्टर जिरी कोलिबा व भारत में चेक गणराज्य के राजदूत मिलन होवोर्का ने किया. उन्होंने कहा कि चेक गणराज्य को हेवी इंडस्ट्री के अलावा ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, रिन्यूएबल एनर्जी, माइनिंग के साथ–साथ वाटर रिसोर्स, वाटर मैनेजमेंट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में विशेषज्ञता हासिल है.
इस क्षेत्र में झारखंड में निवेश भी करना चाहते हैं. इस मौके पर इंडस्ट्री एवं ट्रेड के उप–महानिदेशक पीटर कुलोवानी,उपमंत्री के सलाहकार मीरोस्लाव ओकरोली, चेक दूतावास में इकोनोमी विभाग के प्रमुख मिलन टाउस, चेक एक्सपोर्ट बैंक के निदेशक इगोर ओवकासिक उपस्थित थे. झारखंड की ओर से मुख्य सचिव राजीव गौबा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल ,उद्योग निदेशक के रवि कुमार तथा एचइसी के सीएमडी अभिजित घोष भी मौजूद थे.