रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष रांची का मास्टर प्लान बनानेवाली कंपनी फीडबैक इंफ्रास्ट्रर, बीइ कंसलटेंट और नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को प्रेजेंटेशन दिया.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने अगले 25 सालों में होनेवाले बदलाव को ध्यान में रख कर तैयार किये गये मास्टर मास्टर प्लान का अध्ययन किया. सोशल इन्फ्रास्ट्रर, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, आधारभूत सुविधाएं आदि पर विस्तृत जानकारी ली. कहा कि प्रत्येक तीन वर्ष में यह आकलन किया जाये कि पूर्व निर्धारित योजना में क्या और कितने बदलाव की जरूरत है. श्री सोरेन ने कहा : सड़क विकास का पहला पैमाना है. सड़क नेटवर्क के साथ ही विकास के कई आयाम खुलते हैं. सड़कों पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है. रोड नेटवर्क के साथ बाकी सभी सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं. उन्होंने यह निर्देश दिया कि झारखंड के रेग्यूलेटरी फ्रेम वर्क का अध्ययन करते हुए राजधानी के विकास के लिए विशेष मॉडल बनाया जाये.
बैठक में नगर विकास मंत्री सुरेश पासवान, मुख्य सचिव आरएस शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त केके खंडेलवाल, सचिव वित्त विभाग एपी सिंह, सचिव नगर विकास विभाग अजय कुमार सिंह, उपायुक्त रांची विनय कुमार चौबे समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
शहरीकरण से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं
ग्रामीण विकास पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा : ग्रामीण क्षेत्रों के शहरीकरण से उनका विकास नहीं होगा. वे शहर में खो जायेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का मॉडल अलग से तैयार किया जाना चाहिए. मॉडल ग्रामीण परिवेश के मुताबिक बनाया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने मास्टर प्लान तैयार करते समय कृषि को पहली प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने मास्टर प्लान को क्रियान्वित करने से पहले जनता से आपत्तियां आमंत्रित करने की जरूरत बतायी. उन्होंने मास्टर प्लान को पुन: प्रकाशित कर लोगों की आपत्तियों का निराकरण करने का निर्देश दिया.