रांची : बाबा रामदेव ने कहा है कि वह झारखंड सहित देश भर में आर्यकुलम (विद्यालय) खोलेंगे. इनके जरिये एक क्रांति लायेंगे. आर्यकुलम शिक्षा के क्षेत्र का एक सस्टेनेबल मॉडल होगा. योग शिविर के आयोजन के लिए गो एयरवेज से रात आठ बजे रांची पहुंचे रामदेव ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों को बताया कि वह अपनी इस योजना पर पांच सौ से 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करनेवाले हैं.
उन्होंने कहा कि अब शिक्षा के नाम पर हो रहे व्यवसायीकरण का विरोध होगा. हम आर्यकुलम को श्रेष्ठतम आधुनिक शिक्षा व वैदिक शिक्षा का संगम बनायेंगे. हमने पहले योग, आयुर्वेद, स्वदेशी तथा व्यवस्था परिवर्तन का काम कर दिखाया है.
अब नया काम होगा. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य राज्य के सभी जिलों में एक-एक आर्यकुलम खोलना है. इनके जरिये मैकाले शिक्षा पद्धति के स्थान पर भारतीय स्वदेशी शिक्षा पद्धति देश में फिर से स्थापित होगी. बाबा ने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति से देश के 7.32 लाख गुरुकुल समाप्त हो गये. उन्होंने कहा कि वह सात लाख तो नहीं, लेकिन देश भर में सात सौ आर्यकुलम खोलेंगे. उनके पास झारखंड में पहले से 13 एकड़ भूमि उपलब्ध है. इस पर वह विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान बनायेंगे.
देश में इन दिनों भड़काये जा रहे धार्मिक माहौल पर उन्होंने कहा कि करीब एक लाख लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गये. आज भी देश के 80 करोड़ लोग भूख, गरीबी व अशिक्षा के शिकार हैं. इन पर किसी का ध्यान नहीं जाता. कश्मीरी पंडितों की घर वापसी नहीं हो रही.
देश में अौर भी आर्थिक व सामाजिक अन्याय है, पर ये मुद्दे नहीं बनते. पर कुछ लोगों को भारतीयता से भी प्रेम नहीं है. जिनकी आइडियोलोजी लेनिन, मार्क्स व माअो से चलती है, वह तथाकथित भारतीय विचारधारा के विरोधी लोग हैं. लोगों को मोदी सरकार रास नहीं आ रही. धामिर्क असहिष्णुता तो बहाना है, दरअसल मोदी जी निशाना हैं. साई विवाद पर बाबा ने कहा कि जो जन्म लेता है अौर मरता है, जो सृष्टि की उत्पत्ति, संचालन व संहार नहीं कर सकता, वह भगवान नहीं हो सकता. साई महापुरुष या महात्मा हो सकते हैं.