रांची: पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट में जिस तरह के विस्फोटक और टाइमर का इस्तेमाल किया गया है, वैसे ही विस्फोटक और टाइमर का इस्तेमाल बोधगया ब्लास्ट में भी हुआ था. सुरक्षा एजेंसियां अब यह मान कर चल रही है कि बोधगया और पटना की घटना को इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) ने ही अंजाम दिया. दोनों ब्लास्ट के पीछे आइएम के तहसीन और हैदर का हाथ है. जिन आतंकियों का नाम पटना ब्लास्ट में सामने आया है, उन्हीं आतंकियों ने बोधगया में भी ब्लास्ट किया है.
पुलिस सूत्रों की मानें, तो बोधगया मंदिर में ब्लास्ट की जांच के दौरान पता चला था कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट व अन्य विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. टाइमर के लिए लोटस कंपनी की घड़ी का इस्तेमाल हुआ था. घड़ी की खरीद गुवाहाटी में एक दुकान से की गयी थी. एक साथ कई घड़ियों की खरीदारी हुई थी. पटना ब्लास्ट के बाद जांच के दौरान भी यह पता चला है कि यहां भी लोटस कंपनी की टाइमर का ही इस्तेमाल किया गया है.
दो दिनों के भीतर गिरफ्तार आतंकियों से आइबी, एनआइए, पटना पुलिस और रांची पुलिस की टीम लगातार पूछताछ कर रही है. सुरक्षा एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही है कि आइएम का अगला निशाना कहां होगा. आइएम का जाल देश के किन-किन हिस्सों में फैला हुआ है. किन-किन शहरों में संगठन के आतंकी काम कर रहे हैं. इन सवालों का जवाब सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां झारखंड-बिहार में और लोगों को गिरफ्तार कर सकती है.